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Wp/mag/पूरुबी चम्पारण मण्डल

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पूरुबी चम्पारण मण्डल
𑂣𑂴𑂩𑂳𑂥𑂲 𑂒𑂧𑂹𑂣𑂰𑂩𑂝 𑂧𑂝𑂹𑂙𑂪
पूर्वी चम्पारण
बिहारके मण्डल
पूरुबी चम्पारण मण्डलके प्रतीकचिन्ह
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देश  भारत
राज्य बिहार
प्रमण्डल तिरहुत
मुख्यालय मोतिहारी
सरकार
  लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चम्पारण, शिवहर
  विधानसभा क्षेत्र रक्सौल, सुगौली, नरकटिया, हरसिद्धि, गोविन्दगञ्ज, केसरिया, कल्याणपुर, पिपरा, मधुबन, मोतिहारी, चिरैया, ढाका
क्षेत्रफल
३,९६८  किमी (Formatting error: invalid input when rounding  वर्गमील)

पूरुबी चम्पारण (पूर्वी चम्पारण जिला; भोजपुरी: 𑂣𑂴𑂩𑂳𑂥𑂲 𑂒𑂧𑂹𑂣𑂰𑂩𑂝 𑂧𑂝𑂹𑂙𑂪 ) बिहारके तिरहुत प्रमण्डलके एगो मण्डल हे । चम्पारणके बिभाजित करके १९७१ मे बनावल गेल पूरुबी चम्पारणके मुख्यालय मोतिहारी हे । चम्पारणके नाम चम्पा + अरण्य से बनल हे जेकर अर्थ होवहे- चम्‍पाके पेड़से आच्‍छादित जङ्गल । पूरुबीचम्‍पारणके उत्तरदन्ने नेपाल आउ दक्खिनदन्ने मुजफ्फरपुर स्थित हे, ओहैँ दोसरादन्ने एकर पूरुदन्ने शिवहर आउ सिवहर, आउ पच्छिदन्ने पच्छिमी चम्‍पारण मण्डल हे ।

इतिहास

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महाकाव्य कालसे लेके आज तक चम्पारणके इतिहास गौरवपूर्ण एवं महत्वपूर्ण रहलै हे । पुराणमे वर्णित हे कि हियाँके राजा उत्तानपादके पुत्र भक्त ध्रुव हियाँके तपोवन नामक स्थाने ज्ञान प्राप्तिला घोर तपस्या कैलक हल ।[1] एक दन्ने चम्पारणके भूमि देवी सीताके शरणस्थली होवेसे पवित्र हे ओहैँ दोसरा दन्ने आधुनिक भारतमे गान्धीजीके चम्पारण सत्याग्रह भारतीय स्वतन्त्रताके इतिहासके अमूल्य पन्ना हे । राजा जनकके समय ई मिथिला (तिरहुत) प्रदेशके अङ्ग हलै । लोगके ऐसन विश्वास हे कि जानकीगढ़, जेकरा चानकीगढ़ो कहल जा हे, राजा जनकके मिथिला प्रदेशके राजधानी हलै । जे बादमे छठा शताब्दी ईसापूर्वमे वज्जीके साम्राज्यके भाग बन गेलै । भगवान् बुद्ध हियाँ अपन उपदेश देलन हल जेकर यादमे तीसरा शताब्दी ईसापूर्वमे प्रियदर्शी अशोक स्तम्भ लगैलन आउ स्तूपके निर्माण करौलन । गुप्त वंश एवं पाल वंशके पतनके बाद चम्पारण कर्नाट वंशके अधीन हो गेलै । मुसलमानके अधीन होवेतक एवं ओकरा बादो हियाँ स्थानीय क्षत्रपके सीधा शासन रहलै । भारतके स्वतन्त्रता सङ्ग्रामके समय चम्पारणेके एक रैयत एवं स्वतन्त्रता सेनानी राजकुमार शुक्लके बुलावा पर महात्मा गान्धी अप्रैल १९१७ मे मोतिहारी ऐलन आउ नीलके फसलके लागू तीनकठिया खेतीके विरोधमे सत्याग्रहके पहिला सफल प्रयोग कैलन ।[1] स्वतन्त्रताके लड़ाईमे ई नया चरणके आरम्भ हलै । बादोमे बापू ढेर बेर हियाँ ऐलन । अङ्ग्रेज चम्पारणके वर्ष १८६६-ए मे स्वतन्त्र इकाई बनौलक हल किन्तु १९७१ मे एकर विभाजन करके पूर्वी एवं पश्चिमी चम्पारण बना देल गेलै।[2]

सम्बन्धित लेख

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सन्दर्भ

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  1. 1 2 "चंपारण में सत्याग्रह". मूलसे 19 जून 2009 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 अगस्त 2009.
  2. तिरहुतके इतिहास [tirhut-muzaffarpur.bih.nic.in/]