Wp/mag/मुङ्गेर
मुङ्गेर | |
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नगर | |
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निर्देशाङ्क: 25°22′52″N 86°27′54″E / 25.381°N 86.465°Eनिर्देशाङ्क: 25°22′52″N 86°27′54″E / 25.381°N 86.465°E | |
देश |
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राज्य | बिहार |
मण्डल | मुङ्गेर |
मुङ्गेरमे धर्म |
हिन्दू 51.02%, इस्लाम 48%, ईसाई 0.98, सिख 0.34%, अन्य 0.30% |
थाना | १९ |

मुङ्गेर भारतके बिहार राज्यके मुङ्गेर मण्डलमे स्थित एगो नगर हे । ई गङ्गानदी किनारे बसल हे, तथा मुङ्गेर मण्डलके आउ मुङ्गेर प्रमण्डलके मुख्यालयो हे । ई जनसङ्ख्या अनुसार बिहारके ११मा सबसे बड़ नगर हे । ई जमालपुरसे ८ किमी दूर हे आउ मुङ्गेर-जमालपुर वास्तवमे एके जुड़वा-नगरक्षेत्रके भाग हे ।[1][2]
इतिहास
[edit | edit source]महाभारतकालके 'मुद्गलपुरी' , ९मा - १२मा शताब्दी मुद्गलगिरीके नामसे जानल जा हे । आइन-ए-अकबरी मे एकरा 'मुङ्गगिरि' कहल गेलै हे ।[3] मुङ्गेर बङ्गालके अन्तिम नवाब मीर कासिमके रजधानियो हलै । हियेँ मीरकासिम गङ्गा नदी किनारे एक भव्य किलाके निर्माण करवैलकै जे १९३४ मे आएल भीषण भूकम्पसे क्षतिग्रस्त हो गेलै हल, किन्तु एकर अवशेष अखनियो शेष हे । (ई किलाके सम्बन्धे कहल जा हे कि ई महाभारतकालेके हे) हियाँ स्थित कष्टहरिणी घाट हिन्दु धर्मावलन्बी सबला पवित्र मानल जा हे । प्रचलित किंवदन्ती सबके अनुसार गङ्गानदी घाटे स्नान करेसे एक व्यक्तिके सब कष्ट दूर हो गेलै हल, तखनियेसे ई घाटके 'कष्टहरिणी घाट' के नामसे जानल जा हे । ई पवित्र घाट भिरुए नदीके बीचे माता सीताचरणके मन्दिर स्थित हे । हियाँ जाएला नाओके सहारा लेल जा हे ।
एकर इलावा स्वर्गीय बाबू देवकी मण्डल मुङ्गेरके सबसे बड़ जमीन्दारमे से एक हलन । ऊ धानुक जमीन्दार हलन ।
सम्बन्धित लेख
[edit | edit source]सन्दर्भ
[edit | edit source]- ↑ "Bihar Tourism: Retrospect and Prospect," Udai Prakash Sinha and Swargesh Kumar, Concept Publishing Company, 2012, ISBN 9788180697999
- ↑ "Revenue Administration in India: A Case Study of Bihar," G. P. Singh, Mittal Publications, 1993, ISBN 9788170993810
- ↑ द एण्टिक्वेरिएन रिमेन्स ऑफ बिहार, डी आर पाटिल, काशी प्रसाद जयसवाल रिसर्च इन्सटीट्यूट,पटना, पृष्ठ.१३२