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Wp/mag/भारतके उच्चन्यायालयके सूची

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भारतीय संविधान के अनुच्छेद-२१४ मे कहल गेलहे कि प्रत्येक राज्जके एगो उच्चन्यायालय होतै", आउ अनुच्छेद-२३१ मे कहल गेलहे कि "दू या दूसे अधिक राज्जला एके न्यायालय हो सकहे। बर्तमानमे भारतमे कुल २५ उच्चन्यायालय हे, आन्ध्रप्रदेस के अमरावतीमे देसके २५मा उच्चन्यायालय स्थापित कैल गेलहे । १ जनवरी २०१९ के ईसभ उच्चन्यायालयके अधिकारक्षेत्र कौनो राज्ज बिशेष वा राज्ज आउ केन्द्रसासितप्रदेसके एगो समूह होवहे । उदाहरणला पञ्जाब आउ हरियाणा उच्चन्यायालय पञ्जाब आउ हरियाणा राज्जके साथ केन्द्रसासितप्रदेस चण्डीगढ़ोके अपन अधिकारक्षेत्रमे रखहे । उच्चन्यायालय भारतीय संविधानके अनुच्छेद २१४, अध्याय ५ भाग ६ के अन्तर्गत स्थापित कैल गेलहे ।

न्यायिक प्रणालीके भागके रूपमे उच्चन्यायालय राज्ज बिधायिका आउ अधिकारीके सन्स्थासे स्वतन्त्र हे ।[1]

भारतीय न्यायिक प्रणाली

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उच्चन्यायालय जिलान्यायालयके साथ जे ओकर अधीनस्थ होवहे, राज्जके प्रमुख दीवानी न्यायालय होवहे । हालाङ्कि उच्चन्यायालय खाली ऊहे मामलामे दीवानी आउ फौजदारी अधिकारिताके प्रयोग करहे, जेकरामे उच्चन्यायालयके अधीनस्थ न्यायालय सक्षम (बिधि द्वारा अधिकृत नै) न हो, आर्थिक आभाव वा क्षेत्रीय अधिकारक्षेत्र कारणसे । उच्चन्यायालय कुछ मामलामे मूल अधिकारो रखहे, जे राज्ज वा सङ्घीय कानूनमे बिशेषरूपसे नामित होवहे, जैसे - कम्पनी कानूनके मामलाके खाली एगो उच्चन्यायालयमे दाखिल कैल जा सकहे । हालाङ्कि मुख्यरूपसे उच्चन्यायालयके काम निचला न्यायायलयके अपील आउ रिट् याचिका, भारतके संविधानके अनुच्छेद २२६ के तहत होवहे। रिट् याचिका उच्चन्यायालयके मूल बिधिक्षेत्रो हे । प्रत्येक राज्ज न्यायिक जिलामे बिभाजित होवहे, जन्ने एगो 'जिला आउ सत्र न्यायाधीश' होवहे । ओकरा जिलान्यायाधीश मानल जाहे जखनि ऊ नागरिक मामलाके सुनवाई करहे आउ सत्र न्यायाधीश मानल जाहे जखनि ऊ आपराधिक मामलाके सुनवाई करहे । ओकरा उच्चन्यायालयके न्यायाधिशके बाद सर्वोच्च न्यायिक अधिकार होवहे । ओकर नीचे नागरिक अधिकारके बिभिन्न न्यायालय होवहे, जेकरा बिभिन्न राज्जमे अलग अलग नामसे जानल जाहे ।

न्यायाधीशके नियुक्ति

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उच्चन्यायालयमे न्यायाधीशके नियुक्ति भारतके राष्ट्रपति द्वारा भारतके मुख्यन्यायाधीश आउ सम्बन्धित राज्जके राज्यपालके साथे परामर्शके साथे होवहे । एकर अतिरिक्त राष्ट्रपति परामर्श बिन उच्चन्यायालयके न्यायाधीश हस्तान्तरणके अधिकारके प्रयोग कर सकहथ ।

उच्चन्यायालयके सूची

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न्यायालय स्थापित स्थापित अधिनियम न्यायक्षेत्र मञ्च मुख्यस्थान न्यायाधीश
इलाहाबाद् उच्चन्यायालय ११ जून १८६६ उच्चन्यायालय अधिनियम, १८६१ उत्तरप्रदेस प्रयागराज लखनऊ १६०
हैदराबाद् उच्चन्यायालय ५ जुलाई १९५४ उच्चन्यायालय अधिनियम, १९५३ आन्ध्रप्रदेस,
तेलङ्गाना
हैदराबाद्   २४
बॉम्बे उच्चन्यायालय १४ अगस्त १८६२ उच्चन्यायालय अधिनियम, १८६१ महाराष्ट्र, गोवा, दादरा आउ नगर-हवेली, दमन आउ दीउ मुम्बई नागपुर, पणजी, औरङ्गाबाद् ९४
कलकता उच्चन्यायालय २ जुलाई १८६२ उच्चन्यायालय अधिनियम, १८६१ पच्छिमबङ्गाल, अण्डमान आउ निकोबार कलकता पोर्ट् ब्लेयर् (क्षेत्रमञ्च) ३२
छत्तीसगढ़ उच्चन्यायालय ११ जनवरी २००० मध्यप्रदेस पुनर्गठन अधिनियम, २००० छत्तीसगढ़ बिलासपुर   १८
दिल्ली उच्चन्यायालय[2] ३१ ऑक्टोबर १९६६ दिल्ली उच्चन्यायालय अधिनियम, १९६६ राष्ट्रिय राजधानीप्रदेस (दिल्ली) नव दिल्ली   ६०
गुवाहाटी उच्चन्यायालय[3] १ मार्च १९४८ भारत सरकार अधिनियम, १९३५ अरुणाचलप्रदेस, असम, नागालॅण्ड्, मिजोरम् गुवाहाटी कोहिमा, आइजाल आउ ईटानगर ३४
गुजरात उच्चन्यायालय १ मई १९६० बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम, १९६० गुजरात अहमदाबाद्   ४२
हिमाचलप्रदेस उच्चन्यायालय १९७१ हिमाचलप्रदेस अधिनियम, १९७० हिमाचलप्रदेस शिमला   १३
जम्मू आउ कश्मीर उच्चन्यायालय २८ अगस्त १९४३ पत्र अधिकार-दान-पत्र काश्मीरके महाराजा द्वारा जारी । जम्मू आउ कश्मीर, लद्दाख श्रीनगर आउ जम्मू[4]   १४
झारखण्ड उच्चन्यायालय २००० बिहार पुनर्गठन अधिनियम, २००० झारखण्ड राँची   १९
कर्नाटक उच्चन्यायालय[5] १८८४ मैसूर उच्चन्यायालय अधिनियम, १८८४ कर्नाटक बेङ्गलूरु क्षेत्रमञ्च: हुब्बल्लि-धारवाड आउ गुलबर्ग ६२
केरल उच्चन्यायालय[6] १९५६ राज्य पुनर्गठन अधिनियम, १९५६ केरल, लक्षद्वीप कोच्चि   २७
मध्यप्रदेस उच्चन्यायालय[7] २ जनवरी १९३६ भारत सरकार अधिनियम, १९३५ मध्यप्रदेस जबलपुर ग्वालियर, इन्दौर ५३
मद्रास उच्चन्यायालय १५ अगस्त १८६२ उच्चन्यायालय अधिनियम, १८६१ तमिल्नाडु, पुदुच्चेरी चेन्नै मदुरै ६०
ओड़िसा उच्चन्यायालय ३ अप्रैल १९४८ ओड़िसा उच्चन्यायालय आदेश, १९४८ ओड़िसा कटक   २७
पटना उच्चन्यायालय २ सितम्बर १९१६ भारत सरकार अधिनियम, १९१५ बिहार पटना   ५९
पञ्जाब आउ हरियाणा उच्चन्यायालय[8] ८ नवम्बर १९४७ उच्चन्यायालय (पञ्जाब) आदेश, १९४७ पञ्जाब, हरियाणा, चण्डीगढ़ चण्डीगढ़   ८५
राजस्थान उच्चन्यायालय 21 जून 1949 राजस्थान उच्चन्यायालय अध्यादेश, 1949 राजस्थान जोधपुर जयपुर ५०
सिक्किम् उच्चन्यायालय १९७५ भारतीय संविधानके ३८मा सन्शोधन] सिक्किम गान्तोक   ०३
उत्तराखण्ड उच्चन्यायालय २००० उत्तरप्रदेस पुनर्गठन अधिनियम, २००० उत्तराखण्ड नैनीताल   ०९
मणिपुर उच्चन्यायालय २५ मार्च २०१३ पूर्बोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम, २०१२ मणिपुर इम्फाल्  
मेघालय उच्चन्यायालय २५ मार्च २०१३ पूर्बोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम, २०१२ मेघालय शिलाङ्ग  
त्रिपुरा उच्चन्यायालय २६ मार्च २०१३ पूर्बोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम, २०१२ त्रिपुरा अगरतला  
आन्ध्रप्रदेस उच्चन्यायालय 1 जनवरी 2019 आन्ध्रप्रदेस पुनर्गठन अधिनियम २०१४ सीमान्तप्रदेस अमरावती ३७

सन्दर्भ

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  1. "High Courts India". मूल से 17 फरवरी 2010 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितम्बर 2009.
  2. लाहौर उच्चन्यायालयके स्थापना २१ मार्च १९१९ के भेल । न्यायक्षेत्र पञ्जाब प्रदेस आउ दिल्ली । ११ अगस्त १९४७ के भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियमके अनुसार शिमलामे एगो अलग पञ्जाब उच्चन्यायालयके स्थापना कैल गेल । ई उच्चन्यायालयके क्षेत्राधिकार पञ्जाब, दिल्ली, हिमाचलप्रदेस आउ हरियाणा हल । १९६६ मे पञ्जाबराज्जके पुनर्गठनमे ई न्यायालयके नाम बदलके पञ्जाब एवं हरियाणा उच्चन्यायालय कर देल गेलै । दिल्ली उच्चन्यायालयके स्थापना ३१ अक्टूबर १९६६ के भेलहल आउ एकर सीट् शिमलामे रखल गेलहल ।
  3. मूलतः एकर नाम असम आउ नागालॅण्ड् उच्चन्यायालय हल । १९७१ मे गुवाहाटी उच्चन्यायालयके नाम उत्तरपूरुबीक्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, १९७१ के अनुसार रखल गेलहल ।
  4. श्रीनगर ग्रीष्मकालीन राजधानी हे आउ जम्मू शीतकालीन राजधानी हे ।
  5. मूलतः मैसूर उच्चन्यायालयके नाम १९७३ मे कर्नाटक उच्चन्यायालय कर देल गेलै ।
  6. त्रेवनकोर-कोचीन उच्चन्यायालयके स्थापना ७ जुलाई, १९४९ के एरणाकुलंमे भेलहल । केरलराज्जके स्थापना राज्ज पुनर्गठन अधिनियम, १९५६ के माध्यमसे कैल गेलहल । ई अधिनियम त्रेववकोर-कोचीन उच्चन्यायालयके समाप्त कर देलक आउ केरल उच्चन्यायालयके स्थापना करलक ।
  7. भारतसरकार अधिनियम, १९३५ के अनुसार नागपुरमे एगो उच्चन्यायालयके स्थापना कैल गेल । राज्जके पुनर्गठनके बाद १९५६ मे ई उच्चन्यायालयके जबलपुर स्थानान्तरित कर देल गेलै ।
  8. मूलतः पञ्जाब उच्चन्यायालयके १९६६ मे नाम बदलके पञ्जाब आउ हरियाणा उच्चन्यायालय कर देल गेलै ।

बाहरी कड़ी

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