Wp/mag/लोहरदगा मण्डल
लोहरदगा मण्डल लोहरदगा जिला | |
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झारखण्डके मण्डल | |
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देस |
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राज्य |
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प्रमण्डल | दक्खिन छोटानागपुर |
मुख्यालय | लोहरदगा |
सरकार | |
• लोकसभा निर्वाचनक्षेत्र | लोहरदगा (गुमला मण्डल ) |
• बिधानसभा निर्वाचनक्षेत्र | 1 |
क्षेत्रफल | १५०२ किमी२ (Formatting error: invalid input when rounding वर्गमील) |
लोहरदगा मण्डल (लोहरदगा जिला) भारतके झारखण्ड राज्जके एगो मण्डल हे । एकर मुख्यालय लोहरदगा हे ।
विवरण
[edit | edit source]वनाच्छादित पहाड़, झरना, ऐतिहासिक धरोहर आउ प्रकृतिके अनमोल उपहारसे सजल लोहरदगा झारखण्डमे स्थित है । कुछ इतिहासकारके मानना है कि पहिले ई लोहा गलावे का बड़ केन्द्र हलै । एहीसे एकर नाम लोहरदगा रखल गेलै हल । एकर पीछे उनकर तर्क है कि लोहरदगा दु शब्द लोहार आउ दग्गासे मिलके बनल है । लोहारके अर्थ होवहै लोहाके व्यापारी आउ दग्गाके अर्थ होवहै केन्द्र ।
जैन पुराणके अनुसार भगवान महावीर लोहरदगाके यात्रा कैलन हल । जन्ने भगवान महावीर रूकलन हल ऊ स्थानके लोर-ए-यादगाके नामसे जानल जा है । लोहरदगाके इतिहास बड़ी गौरवशाली है । एकर राजा एहाँ पर अनेक किला आउ मन्दिरके निर्माण करौलन हल । एकरामे कोराम्बे, भान्द्रा आउ खुखरा-भाकसोके मन्दिर आउ किला प्रमुख है ।
विवरण
[edit | edit source]लोहरदगा वनाच्छादित पहाड़ों, झरनों, ऐतिहासिक धरोहरों और प्रकृति के अनमोल उपहारों से सजा लोहरदगा झारखंड में स्थित है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि पहले यह लोहा गलाने का बड़ा केन्द्र था। इसलिए इसका नाम लोहरदगा रखा गया था। इसके पीछे उनका तर्क है कि लोहरदगा दो शब्दों लोहार और दग्गा से मिलकर बना है। लोहार का अर्थ होता है लोहे का व्यापारी और दग्गा का अर्थ होता है केन्द्र।
जैन पुराणों के अनुसार भगवान महावीर ने लोहरदगा की यात्रा की थी। जहां पर भगवान महावीर रूके थे उस स्थान को लोर-ए-यादगा के नाम से जाना जाता है। लोहरदगा का इतिहास काफी गौरवशाली है। इसके राजाओं ने यहां पर अनेक किलों और मन्दिरों का निर्माण कराया था। इनमें कोराम्बे, भान्द्रा और खुखरा-भाकसो के मन्दिर और किले प्रमुख हैं।
रीति रिवाज
[edit | edit source]लोहरदगाके रीति-रिवाज आउ संस्कृति बड़ी रङ्ग-बिरङ्गा आउ अनूठा है । एकर रीति-रिवाजके अनुसार लैकाके पहिला बियाह महुआके वृक्षके साथे आउ लैकीके पहिला बियाह आमके पेड़के साथे करावल जा है । ई रिवाजके सम्बन्धके स्थानीय निवासीके कहलाम है कि जैन वृक्षसे उनकर बियाह करावल जा है ऊ ओह सब वृक्षके जीवन पर्यन्त देखरेख करथिन ।
प्रमुख आकर्षण
[edit | edit source]धरधारिया जलप्रपात
[edit | edit source]लोहरदगाके सेन्हा प्रखण्डमे धरधारिया जलप्रपात स्थित है । एकर आसोपासके नजारा बड़ी सुन्दर है जे पर्यटकके बड़ी पसन्द आवहै । झारखण्ड सरकारके अनुसार एहाँ पर्यटन उद्योगमे असीमित सम्भावना है । अतः सरकार ओहाँ पर्यटन उद्योगके बढ़ावा देवेला नया परियोजनाके शुरू करैत है ।
लावापानी जलप्रपात
[edit | edit source]लोहरदगा मण्डलके पेशरार प्रखण्डमे स्थित लावापानी जलप्रपात अपन मनमोहक सुन्दरताला प्रसिद्ध है । ई जलप्रपात सात सीढ़ीमे बहैत लावा नियन प्रतीत होवहै, जे दर्शकके मन्त्रमुग्ध कर दे है । जिला मुख्यालयसे ३७ किलोमीटर दूर स्थित ई जलप्रपात प्राकृतिक सुन्दरताके खजाना है । हसीन वादी सबसे घिरल ई क्षेत्र पर्यटकके अपना दन्ने आकर्षित करहै । नववर्षके अवसर पर लावापानी जलप्रपात विशेषरूपसे लोकप्रिय होवहै, जखनि भारी सङ्ख्यामे लोग एहाँ उत्सव मनावेला आवहथिन । एहाँ आगन्तुक प्रकृतिके गोदमे शान्त वातावरणके आनन्द ले सकहथिन , घण्टो टहल सकहथिन आउ प्राकृतिक दृश्यके आनन्द ले सकहथिन ।[1]
महादेव मण्डा
[edit | edit source]धरधारिया जलप्रपात देखेके बाद पर्यटक महादेव मण्डा घूमे जा सकहथिन । ई प्राकृतिक रूपसे बड़ी सुन्दर है । अत्यन्त सुन्दर होवेके बादहुँ एकरा अखनितक ऊ स्थान नै भेट पाएल जे एकरा भेटेके चाहियै हल । महादेव मण्डा भिरु कण्डरा आउ कोराम्बे घूमे जाएल जा सकहै । ऊ दुनो पर्यटक स्थल महादेव मण्डा नियने सुन्दर है आउ मण्डाके अपेक्षा एहाँ पर्यटकला जादे सुविधा है ।
सरहुल
[edit | edit source]ई एक मुख्य आदिवासी पर्व है ।
एकरो देखी
[edit | edit source]सन्दर्भ
[edit | edit source]- ↑ "लोहरदगा का लावापानी जलप्रपात, खूबसूरती ऐसी की देखते रह जाएंगे". प्रभात खबर. अभिगमन तिथि 7 मई 2024.