Wp/mag/पटना
पटना पाटलिपुत्र | |
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महानगर | |
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निर्देशाङ्क: 25°35′39″N 85°08′15″E / 25.5940343°N 85.1375530°Eनिर्देशाङ्क: 25°35′39″N 85°08′15″E / 25.5940343°N 85.1375530°E | |
देस |
![]() |
राज्य | बिहार |
मण्डल | पटना |
पाटलिपुत्र | ४९० ईपू |
सन्स्थापक | उदायिभद्र |
सरकार | |
• प्रकार | नगरनिगम |
• अङ्ग |
पटना नगरनिगम नगरपरिषद दानापुर निजामत |
• भारतीयसन्सद् |
रविशङ्कर प्रसाद (भाजपा) रामकृपाल यादव(भाजपा) |
• महापौर | सीता साहू[1] |
क्षेत्रफल | २५० किमी२ (Formatting error: invalid input when rounding वर्गमील) |
• महानगर | ४०९ किमी२ (Formatting error: invalid input when rounding वर्गमील) |
• क्रम | 18 |
उन्नतान्श | ५३ मी (Formatting error: invalid input when rounding फीट) |
पटना, ऐतिहासिक रूपसे पाटलिपुत्र जानल जायेवाला, भारतमे बिहार राज्जके राजधानी आउ सबसे बड़का नगर हे । सञ्जुक्तराष्ट्रके अनुसार २०१८ तक पटनाके जनसङ्ख्या २३.५ लाख हल, जेकरासे ई भारतके १९मा सबसे बड़का नगर होल । २५० बर्ग किलोमीटर आउ २५ लाखसे बेसी लोगके समावित, ई नगरीसमूह भारतमे १८मा सबसे बड़का हे । पटना पटना उच्चन्यायालयके पीठके रूपमे काज करहे । वैशाली, राजगीर, नालन्दा, बोधगया आउ पावापुरी बौद्ध, हिन्दु आउ जैन तीर्थस्थल भिरुए हे आउ पटना साहिब सिखला एगो पवित्रनगर हे काहेकि दसमा सिखगुरु, गुरु गोविन्द सिंहके जनम हियेँ होलहल । आधुनिक नगर पटना मुख्यरूपसे गङ्गानदीके दक्खिनी तटे स्थित हे । ई नगर सोन, गण्डक आउ पुनपुन नदियो तक फैलल हे । नगर लगभग ३५ किलोमीटर् लम्बा आउ १६ से १८ किलोमीटर चौड़ा हे ।
विवरण
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पटना नगरके ऐतिहासिक महत्व हे । पटना संसारके गिनल-चुनल ऊ बिशेष प्राचीन नगरमे से एक हे जे अति प्राचीनकालसे आजतक आबाद हे । ईसा पूर्ब मेगास्थनीज् (३५० ईपू-२९० ईपू) अपन भारत भ्रमणके पश्चात् लिखल अपन पुस्तक इण्डिकामे ई नगरके उल्लेख कैलन हे । पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जे गङ्गा आउ अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के सङ्गमे बसल हल । ऊ पुस्तकके आकलके हिसाबसे प्राचीन पटना (पलिबोथा) ९ मील (१४.५ कि॰मी॰) लम्बा आउ १.७५ मील (२.८ कि॰मी॰) चौड़ा हल । सोलह लाख (२०११ के जनगणनाके अनुसार १६,८३,२००)-ओ से अधिक जनसङ्ख्यावाला पटनाके मुख्य नगर, लगभग १५ कि॰मी॰ लम्बा आउ ७ कि॰मी॰ चौड़ा हे । 136 वर्ग किलोमीटर (53 वर्ग मील) के क्षेत्र आउ २० लाखसे अधिक लोगके जनसङ्ख्या साथे, पटना नगर (अपन नगरीसमूह साथे) भारतमे १८मा सबसे बड़का हे ।
प्राचीन बौद्ध आउ जैन तीर्थस्थल बैशाली, राजगीर वा राजगृह, नालन्दा, बोधगया आउ पावापुरी पटना नगरके भिरुए अवस्थित हे । पटना सिखोला एगे अत्यन्ते पवित्र स्थल हे । सिखके १०मा आउ अन्तिम गुरु गुरू गोविन्दसिहके जनम पटनेमे होएल हल । प्रतिबरिस देस-बिदेससे लाखोँ सिख श्रद्धालु पटनामे हरमन्दिर साहबके दर्शन करे आवहथ आउ माथा टेकहथ । पटना आउ एकर आसपासके प्राचीन भग्नावशेष/खण्डहर नगरके ऐतिहासिक गौरवके मौन गवाह हे आउ नगरके प्राचीन गरिमाके आजहो प्रदर्शित करहे । ऐतिहासिक आउ प्रशासनिक महत्वके अतिरिक्त, पटना शिक्षा, बाणिज्य, आउ चिकित्सोके एगो प्रमुख केन्द्र हे । भित्तिसे घिरल नगरके पुराना क्षेत्र, पटना सिटीके नामसे जानल जाहै ।
नाम
[edit | edit source]पटना नाम पटन देवी (एक हिन्दू देवी) से प्रचलित होएल हे । एगो अन्य मत अनुसार ई नाम संस्कृतके पत्तन से आएल हे जेकर अर्थ बन्दरगाह होवहे । मौर्यकालके यूनानी इतिहासकार मेगस्थनीज् ई नगरके पालिबोथरा आउ चीनीयात्री फाहियान् पालिनफू के नामसे सम्बोधित कैलन हे । ई ऐतिहासिक नगर पिछला दु सहस्त्राब्दीमे कयगो नाम पा चुकल हे - पाटलिग्राम, पाटलिपुत्र, पुष्पपुर, कुसुमपुर, अजीमाबाद् आउ पटना । ऐसन समझा जाहे कि बर्तमान नाम शेरशाह सूरीके समयसे प्रचलित होएल । शेरशाह एकर नाम 'पैठना' रखलक हल जेकरा शेरशाहके मरेके बाद अन्तिम हिन्दु सम्राट हेमचन्द्र बिक्रमादित्य पटना कर देलन ।
इतिहास
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प्राचीन पटना (पूर्बनाम- पाटलिग्राम वा पाटलिपुत्र) सोन आउ गङ्गानदीके सङ्गमे स्थित हल । सोननदी आजसे दु सहस्र बरिस पूर्ब अगमकुँआसे आगे गङ्गामे मिलहल । पाटलिग्राममे गुलाब (पाटलीके फूल) ढेर मात्रामे उपजावल जाहल । गुलाबके फूलसे तरह-तरहके इत्र, दवाई आदि बनाके ओकर व्यापार कैल जाहल एहिसे एकर नाम पाटलिग्राम हो गेल । लोककथासब अनुसार, राजा पत्रकके पटनाके जनक कहल जाहे । ऊ अपन रानी पाटलि लागि जादूसे ई नगरके निर्माण कैलन । एहि कारण नगरके नाम पाटलिग्राम पड़ल । पाटलिपुत्र नामो एहि कारण पड़ल । संस्कृतमे पुत्रके अर्थ बेटा आउ ग्रामके अर्थ गाँओ होवहे ।
पुरातात्विक अनुसन्धानके अनुसार पटनाके लिखित इतिहास ४९० ईसा पूर्वसे होवहै जखनि हर्यक वंशके महान् शासक अजातशत्रु अपन राजधानी राजगृह या राजगीरसे बदलके एहाँ स्थापित कैलन । ई स्थान वैशालीके लिच्छवीसे सङ्घर्षमे उपयुक्त होवेके चलते राजगृहके अपेक्षा सामरिक दृष्टिसे अधिक महत्वपूर्ण हलै काहेकि ई युद्ध अनेक माह तक चलेवाला एक भयावह युद्ध हलै । ऊ गङ्गा किनारे सामरिक रूपसे महत्वपूर्ण ई स्थान चुनलन आउ अपन दुर्ग स्थापित कर लैलन । तखनिसे ई नगरके इतिहास लगातार बदलैत रहलै हे । २५०० वर्षसे अधिक पुराना नगर होवेके गौरव विश्वके बड़ी कम नगरके प्राप्त है । बौद्धधर्मके प्रवर्तक गौतम बुद्ध अपन अन्तिम दिनमे एहाँसे होकर गुजरलन हल । उनकर ई भविष्यवाणी हलै कि नगरके भविष्य उज्जवल होतै, बाढ़ या आगके कारण नगरके खतरा बनल रहतै । आगे चलके महान् नन्द शासकके कालमे एकर आउओ विकास होलै एवं उनकर बाद आवेवाला शासक यथा मौर्य साम्राज्यके उत्कर्षके बाद पाटलिपुत्र भारतीय उपमहाद्वीपमे सत्ताके केन्द्र बन गेलै ।[3] चन्द्रगुप्त मौर्यके साम्राज्य बङ्गालके खाड़ीसे अफगानिस्तान तक फैल गेलै हल । मौर्यकालके आरम्भमे पाटलिपुत्रके अधिकांश राजमहल लकड़ीसे बनलै हल, पर सम्राट अशोक नगरके शिलाके संरचनामे तब्दील कैलन । चीनके फाहियान, जे कि वर्ष ३९९-४१४ तक भारतयात्रा पर हलन, अपन यात्रा-वृतान्तमे एहाँके शैल संरचनाके जीवन्त वर्णन कैलन हे ।
मेगास्थनीज, जे कि एक यूनानी इतिहासकार आउ चन्द्रगुप्त मौर्यके दरबारमे यूनानी शासक सिल्यूकसके एक राजदूतके नाते ऐलन हल, पाटलिपुत्र नगरके प्रथम लिखित विवरण देलन हे । ऊ अपन पुस्तकमे ई नगरके विषयमे एवं एहाँके लोगोके बारेमे विशद विवरण देलन हे जे आझो भारतीय इतिहासके छात्रला सन्दर्भके रूपमे काम आवहै । शीघ्रे पाटलीपुत्र ज्ञानोके एक केन्द्र बन गेलै । बादमे ज्ञानके खोजमे ढेर चीनी यात्री एहाँ ऐलन आउ ओहु एहाँके बारेमे अपन यात्रा-वृतान्तमे बड़ी कुछ लिखलन हे । मौर्यके पश्चात् कण्व एवं शुङ्ग सहीत अनेक शासक ऐलन किन्तु ई नगरके महत्व कम नै भेलै ।
एकर पश्चात् नगर पर गुप्त वंश सहित ढेर राजवंशके राज रहलै । ई सब राजा एहैँसे भारतीय उपमहाद्वीप पर शासन कैलन। गुप्त वंशके शासनकालके प्राचीन भारतके स्वर्णयुग कहल जा है । पर लगातार होवेवाला हुणके आक्रमण एवं गुप्त साम्राज्यके पतनके बाद ई नगरके ऊ गौरव नै भेट पौलै जे एक समय मौर्य वंश या गुप्त वंशके समय प्राप्त हलै । गुप्त साम्राज्यके पतनके बाद पटनाके भविष्य बड़ी अनिश्चित रहलै । १२मा शताब्दीमे बख्तियार खिलजी बिहार पर अपन अधिपत्य जमा लेलक आउ ढेर आध्यात्मिक प्रतिष्ठानके ध्वस्त कर देलक । ई समयके बाद पटना देशके सांस्कृतिक आउ राजनैतिक केन्द्र नै रहलै । मुगलकालमे दिल्लीके सत्ताधारी अपन नियन्त्रण एहाँ बनालै रखलक । ई कालमे सबसे उत्कृष्ठ समय तखनि ऐलै जखनि शेरशाह सूरी नगरके पुनर्जीवित करेके प्रयास कैलन । ऊ गङ्गा तीरे एक किला बनावेके सोचलन । उनकर बनावल कौनो दुर्ग त अखनि नै हे, पर अफगान शैलीमे बनल एक मस्जिद अखनियो हे ।
मुगल बादशाह अकबरके सेना १५७४ ईस्वीमे अफगान सरगना दाउद खानके कुचले पटना ऐलै । अकबरके राज्य सचिव एवं आइने-अकबरीके लेखक अबुल फजल ई जगहके कागज, पत्थर एवं शीशाके सम्पन्न औद्योगिक केन्द्रके रूपमे वर्णित कैलकै हे । पटना राइस के नामसे यूरोपमे प्रसिद्ध चौरके विभिन्न नस्लके गुणवत्ताके उल्लेखो ई सब विवरणमे भेटहे । मुगल बादशाह औरङ्गजेब अपन प्रिय पोता मुहम्मद अजीमके अनुरोध पर १७०४ मे नगरके नाम अजीमाबाद कर देलक, पर ई कालखण्डमे नामके अतिरिक्त पटनामे कुछ विशेष बदलाव नै आएल । अजीम ऊ समय पटनाके सूबेदार हलै ।
मुगल साम्राज्यके पतनके साथहीँ पटना बङ्गालके नवाबके शासनाधीन हो गेलै, जे ई क्षेत्र पर भारी कर लगावलक, पर एकरा वाणिज्यिक केन्द्र बने रहेके छूट देलक । १७मा शताब्दीमे पटना अन्तर्राष्ट्रिय व्यापारके केन्द्र बन गेलै । अङ्ग्रेज १६२० मे रेशम एवं कैलिको के व्यापारला एहाँ कारखाना खोललक । जल्दिये ई सॉल्ट पीटर (पोटेशियम नाइट्रेट) के व्यापारके केन्द्र बन गेलै, जेकरा कारण फ्रेञ्च आउ डच लोगसे प्रतिस्पर्धा तेज भेलै । बक्सरके निर्णायक युद्धके बाद नगर इस्ट इण्डिया कम्पनीके अधीन चल गेलै आउ वाणिज्यके केन्द्र बनल रहलै । ईस्वी वर्ष १९१२ मे बङ्गाल विभाजनके बाद, पटना उड़ीसा एवं बिहारके राजधानी बनलै । आई एफ मुन्निङ्ग पटनाके प्रशासनिक भवनके निर्माण कैलन । सङ्ग्रहालय, उच्चन्यायालय, विधानसभा भवन इत्यादि बनावेके श्रेय उनके जा है । कुछ लोगके मानना है कि पटनाके नया भवनके निर्माणमे प्राप्त महारथ दिल्लीके शासनिक क्षेत्रके निर्माणमे बड़ी काम ऐलै । वर्ष १९३५ मे उड़ीसा बिहारसे अलगे करके एक राज्य बना देल गेलै । पटना राज्यके राजधानी बनल रहलै ।
भारतीय स्वतन्त्रता सङ्ग्राममे नगर अपन महत्वपूर्ण भूमिका निभौलकै । नीलके खेतीला १९१७ मे चम्पारण आन्दोलन एवं १९४२ के भारत छोड़ो आन्दोलनके समय पटनाके भूमिका उल्लेखनीय रहलै हे । स्वतन्त्रताके बाद पटना बिहारके राजधानी बनल रहलै । वर्ष २००० मे झारखण्ड राज्यके अलग होवेके बाद पटना बिहारके राजधानी पूर्ववत बनल रहलै ।
भूगोल
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पटना गङ्गानदीके दक्खिनी किनारे अवस्थित हे जन्ने गङ्गा घाघरा, सोन आउ गण्डक नियन सहायक नदीसे भेटहे । पटना गङ्गाके दक्खिनी आउ पुनपुनके उत्तरी तटे स्थित हे । गङ्गानदी नगर सङ्गे एगो लम्बा तट रेखा बनावहे । पटनाके विस्तार उत्तर-दक्खिनके अपेक्षा पूरुब-पच्छिममे बड्डी अधिक हे । नगर तीन दन्नेसे गङ्गा, सोन नदी आउ पुनपुन नदी नदीसे घिरल हे । नगरसे एकदम उत्तर दन्ने हाजीपुर भिजुन गण्डक नदियो गङ्गामे आ भेटहे । हाल दिनोमे पटना नगरके विस्तार पच्छिम दन्ने अधिक भेलहे आउ ई दानापुरसे जा भेटहे ।
महात्मा गान्धी सेतु जे कि पटनासे हाजीपुरके जोड़ेला गङ्गानदी पर उत्तर-दक्खिन दिशामे बनल एगो पुल हे, बिश्वके सबसे लम्बा सड़क पुल हे । दू लेन वाला ई प्रबलित कङ्क्रीट पुलके लम्बाई ५,५७५ मीटर हे । गङ्गा पर बनल दीघा-सोनपुर रेल-सह-सड़क पुल पटना आउ सोनपुरके जोड़हे ।[4]
- समुद्रतलसे ऊँचाई: ५३ मीटर
- तापमान: गर्मी ४३ °C - २१ °C, जाड़ा २० °C - ६ °C
- औसत वर्षा : १,२०० मिलीमीटर
जलवायु
[edit | edit source]बिहारके अन्य भाग नियन पटनोमे गर्मीके तापमान उच्च रहहे । गृष्म ऋतुमे सीधे सूर्यातप आउ उष्ण तरङ्गके चलते असह्य स्थिति हो जाहे । गरम हवासे बनेवाला लहर के असर नगरोमे बुझा हे । देसके शेष मैदानी भाग (यथा - दिल्ली) के अपेक्षा हलाँकि ई कम होवहे । चार बड़ नदीके भिरु होवेके कारण नगरमे आर्द्रता सालोभर अधिक रहहे ।
गृष्म ऋतु अप्रैलसे आरम्भ होके जून- जुलाई के महीनेमे चरम पर होवहे । तापमान ४६ डिग्री तक पहुँच जाहे । जुलाईके मध्यमे मानसूनके झड़ीसे राहत भेटहे आउ वर्षा ऋतुके श्रीगणेश होवहे । शीत ऋतुके आरम्भ छठ परबके बाद माने नवम्बरसे होवहे । फरवरीमे वसन्तके आगमन होवहे आउ होलीके बाद मार्चमे एकर अवसानके साथे ऋतु-चक्र पूरा हो जाहे ।
राजनीति
[edit | edit source]बिहार सरकारके सीटके रूपमे नगरमे राजभवन सहित ढेर सङ्घीय सुविधा हे: गवर्नर हाउस, बिहार बिधानसभा; राज्य सचिवालय, जे पटना सचिवालयमे स्थित हे; आउ पटना उच्चन्यायालय । पटना उच्चन्यायालय भारतके सबसे पुरान उच्चन्यायालयमे आवहे । पटना उच्चन्यायालयके अधिकार क्षेत्र बिहार राज्य पर हे ।[5] पटनामे निचला न्यायालयो हे; दीवानी मामल लागि लघु वाद न्यायालय, आउ आपराधिक मामला लागि सत्र न्यायालय ।[6][7] वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकके कमान वाला पटना पुलिसके निगरानी बिहार सरकारके गृह विभाग द्वारा कैल जाहे । पटना मण्डल भारतके निचला सदन, लोकसभा,[8] लागि दू प्रतिनिधि आउ राज्य बिधानसभा लागि १४ प्रतिनिधिके चुनाव करहे । राजधानी पटनामे ८ राज्य बिधानसभा क्षेत्र हे,[9] जे लोकसभाके दू निर्वाचन क्षेत्र (भारतके संसदके निचला सदन) के निर्माण करहे ।

नगर प्रतिनिधि (बिधायक) | ||||
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सदस्य | दल | निर्वाचनक्षेत्र | स्रोत | |
रवि शङ्कर प्रसाद , सांसद् | भाजपा | पटना साहिब | [10] | |
रामकृपाल यादव, सांसद् | भाजपा | पाटलिपुत्र | [11] | |
सञ्जीव चौरसिया, बिधायक | भाजपा | दीघा | [12] | |
नितिन नवीन, बिधायक | भाजपा | बाङ्कीपुर | [12] | |
नन्द किशोर यादव, बिधायक | भाजपा | पटना साहिब | [12] | |
अरुण कुमार सिन्हा, बिधायक | भाजपा | कुम्हरार | [12] | |
रामानन्द यादव, बिधायक | राजद | फतुहा | [13] | |
रीतलाल यादव, बिधायक | राजद | दानापुर | [12] | |
गोपाल रविदास, बिधायक | सीपीआई-एमएल(एल) | फुलवारी | [14] | |
भाई विरेन्द्र, बिधायक | राजद | मनेर | [15] |
जनसाङ्ख्यिकी
[edit | edit source]प्रखण्ड
[edit | edit source]पटना मण्डलमे २३ प्रखण्ड (अञ्चल) हे: पटना सदर, फुलवारी शरीफ, सम्पतचक, पलिगञ्ज, फतुहा, खुसरपुर, दानीयावाँ, बख्तियारपुर, बाढ़, बेल्ची, अथमलगोला, मोकामा, पण्डारक, घोसवारी, बिहटा, मनेर, दानापुर, नौबतपुर, दुलहिन बाजार, बिक्रम, मसूरी, धनरुआ , पुनपुन।[16]
स्थानीय निकाय
[edit | edit source]बरिस | जन॰ | ±% |
---|---|---|
1807-14* | 312,000 | — |
1872 | 158,000 | −49.4% |
1881 | 170,684 | +8.0% |
1901 | 134,785 | −21.0% |
1911 | 136,153 | +1.0% |
1921 | 119,976 | −11.9% |
1931 | 159,690 | +33.1% |
1941 | 196,415 | +23.0% |
1951 | 283,479 | +44.3% |
1961 | 364,594 | +28.6% |
1971 | 475,300 | +30.4% |
1981 | 813,963 | +71.3% |
1991 | 956,418 | +17.5% |
2001 | 1,376,950 | +44.0% |
2011 | 1,683,200 | +22.2% |
टिप्पणी: १८१४ के बाद विशाल जनसङ्ख्यामे गिरावट, कारण नदी जनित व्यापार, लगातार अस्वास्थ्यकरता आउ पट्टिकाके महामारी । * - अनुमानित (स्रोत -[17]) |
पटनाके जनसङ्ख्या बरिस २०११ के जनगणना अनुसार १६,८३,२०० हे, जे २००१ मे १३,७६,९५० हल । जखनकि पटना महानगरके जनसङ्ख्या २०,४६,६५२ हे । जनसङ्ख्याके घनत्व ११३२ व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर तथा स्त्री पुरूष अनुपात हे - ८८२ महिला प्रति १००० पुरूष । साक्षरता दर पुरूषमे ८७.७१% तथा महिलामे ८१.३३% हे ।[18]
पटनामे अपराध दर अपेक्षाकृत कम हे । मुख्य जेल आदर्श केन्द्रीय कारा बेउर हे ।
पटनामे कई भाषा आउ बोली बोलल जाहे। हिन्दी राज्यके आधिकारिक भाषा हे आउ उर्दू द्वितीय राजभाषा हे । अङ्ग्रेजियोके प्रयोग होवहे । मगधी अथवा मगही हियाँके स्थानीय भाषा हे । अन्य भाषा जे कि बिहारके अन्य भागसे आएल लोगके मातृभाषा हे, मे अङ्गिका, भोजपुरी, बज्जिका आउ मैथिली प्रमुख हे । आंशिक प्रयोगमे आवेवाला अन्य भाषामे बाङ्गला आउ ओड़िआके नाम लेल जा सकहे ।
पटनाके मेमनके पाटनी मेमन कहहथ आउ उनखर भाषा मेमनीभाषा के एगो स्वरूप हे ।
जनजीवन दशा
[edit | edit source]ई नगर मगही संस्कृतिके केन्द्र हे, सङ्गे मैथिल, भोजपुरी आउ बङ्गाली संस्कृतियो शुद्धरूप मे जीवित हे । स्त्रीके परिवारमे सम्मान होवहे आउ पारिवारिक निर्णयमे उनखरो बात सुनल जाहे । यद्यपि स्त्री अखनि तक घरके कमाऊ सदस्यमे न हथ पर उनखर दशा उत्तरभारतके अन्य क्षेत्रसे निम्मन हे । भ्रूण हत्याके खबर शायदे सुनेमे आवहे किन्तु कन्हुँ कन्हुँ स्त्रीके शोषणो होवहे । शिक्षाके मामलामे स्त्रीके तुलनामे पुरूषके तरजीह भेटहे ।
संस्कृति
[edit | edit source]परब-त्यौहार
[edit | edit source]दीपावली, दुर्गापूजा, होली, अनन्त पूजा, छठपूजा, गङ्गा दशहरा, रामनवमी ,कृष्ण जन्माष्टमी,झूलन, गुरुगोविन्द सिंह जयन्ती, विजयादशमी, महाशिवरात्रि, ईद, क्रिसमस, छठ, सोहराई, गोधन,रक्षाबन्धन, कर्मा, गोवर्धन पूजा, जीवित पुत्रिका व्रत, तीज आदि लोकप्रियतम परबमे आवहे । छठ परब पटने न वरन् पूरा बिहारके एगो प्रमुख परब हे जे कि सूरुज देवके आराधना लागि कैल जाहे ।
सम्बन्धित लेख
[edit | edit source]सन्दर्भ
[edit | edit source]- ↑ "NDA-backed Sita Sahu is first woman mayor of Patna". 19 June 2017. मूलसे 22 June 2017 के पुरालेखित.
- ↑ "CPRS Patna About Us". CRPS. मूल से 5 March 2016 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 October 2016.
- ↑ "The largest city in the world and other fabulous Mauryan facts". 19 January 2019. मूलसे 17 January 2019 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
- ↑ "यहां मिलेगा 15 लाख रुपए में फ्लैट, गंगा किनारे लग्जुरियस लाइफ जीने का मौका". MoneyBhaskar. 13 July 2015. मूल से 1 जुलाई 2019 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 March 2019.
- ↑ "ABOUT PATNA HIGH COURT". The High Court of Judicature at Patna. मूल से 17 फरवरी 2015 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 फरवरी 2015.
- ↑ "History". ecourts.gov.in. मूल से 16 फरवरी 2015 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 फरवरी 2015.
- ↑ RAHI GAIKWAD (9 अक्टूबर 2013). "Patna High Court acquits all 26 in Dalit massacre case". The Hindu. मूलसे 27 फरवरी 2014 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 फरवरी 2015.
- ↑ PIYUSH KUMAR TRIPATHI (20 अप्रैल 2014). "Rural Patna defeats urban in EVM hits". telegraphindia.com. मूल से 16 फरवरी 2015 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 फरवरी 2015.
- ↑ "Mired in civic mess, voters vent ire on netas in Patna".
- ↑ "Bihar dumps Lalu and Nitish for BJP". The Hindu Business Line. The Hindu. 17 May 2014. अभिगमन तिथि 31 December 2021.
- ↑ "Ram Kripal Yadav won". Times of India. 24 May 2019. अभिगमन तिथि 24 May 2019.
- 1 2 3 4 5 "Sanjiv Chaurasia of BJP wins". News18. 10 November 2020. मूलसे 31 December 2021 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 December 2021.
- ↑ "Only 3 of 10 varsity teachers emerge winners". The Times of India. 10 नवम्बर 2015. मूलसे 25 फरवरी 2018 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 दिसम्बर 2015.
- ↑ "Gopal Ravidas of CPIMLL Wins". News18. 10 November 2020.
- ↑ "Bihar poll results: Complete list of winners". IBNLive. 8 नवम्बर 2015. मूलसे 18 दिसम्बर 2015 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 दिसम्बर 2015.
- ↑ "फुलवारी-दानापुर प्रखंड में ऑनलाइन जमा होने लगा लगान". Dainik Jagran. मूलसे 29 जून 2019 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2019.
- ↑ Television and Development of Women By Preeti Kumari
Archived 2013-11-11 at the वेबैक मशीन Google Book - ↑ Patna City Census 2011 data
Archived 2015-09-23 at the वेबैक मशीन census2011.co.in - ↑ "Census of India – Socio-cultural aspects". गृहमन्त्रालय, भारतसरकार. मूल से 20 मई 2011 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 सितम्बर 2013.