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Wp/mag/नालन्दा

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नालन्दा

नालन्दा महाबिहारके अवशेष
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स्थान नालन्दा मण्डल, बिहार, भारत
क्षेत्र मगध
प्रकार बिद्यार्जन केन्द्र, प्राचीन बिश्वबिद्यालय
लम्बाई 240 मीटर (800 फीट)
चौड़ाई 490 मीटर (1,600 फीट)
क्षेत्रफल 12 हेक्टेयर (30 एकड़)
इतिहास
निर्माता कुमारगुप्त प्रथम
स्थापित ५मा शताब्दी
परित्यक्त १३मा शताब्दी
सन्स्कृति बौद्धधरम
घटना बख्तियार् खिलजी द्वारा ल. 1200 CE मे नष्ट
स्थल टिप्पणी
उत्खनन तिथि १९१५–१९३७, १९७४–१९८२
पुरातत्ववेत्ता डेविड् स्पूनर्, हीरानन्द शास्त्री, जे ए पेज्, ऍम् कुरेशी, जी सी चन्द्रा, ऍन् नाजिम्, अमलानन्द घोष [1]
सार्बजनिक अभिगम हँ
जालस्थल ASI
'''
यूनेस्को बिश्व धरोहरस्थल
आधिकारिक नाम नालन्दा, बिहारमे नालन्दा महाबिहारके पुरातत्वस्थल (नालन्दा बिश्वबिद्यालय)
मानदण्ड सान्स्कृतिक: iv, vi
सन्दर्भ १५०२
शिलालेख २०१६ (Expression error: Unrecognized punctuation character "२". सत्र)
क्षेत्र २३ हेक्टर्
मध्यबर्तीक्षेत्र ५७.८८ हेक्टर्
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नालन्दा प्राचीनभारतमे उच्च शिक्षाके सर्बाधिक महत्वपूर्ण आउ बिख्यात केन्द्र हल । महायान बौद्धधरमके ई शिक्षा-केन्द्रमे हीनयान बौद्धधरमके साथहीँ अन्य धरमके आउ अनेक देसके छात्र पढ़ हलथन । बर्तमान बिहार राज्जमे पटनासे ८८.५ किलोमीटर् दक्खिन-पूरुब आउ राजगीरसे ११.५ किलोमीटर् उत्तरमे एगो गाँओ जुगून अलेक्जेण्डर् कनिङ्घम् द्वारा खोजल गेल ई महान बौद्ध बिश्वबिद्यालयके भग्नावशेष एकर प्राचीन बैभवके बड्डी कुछ अन्दाज करा देहे । अनेक पुराभिलेख आउ सतमा सताब्दीमे भारतके इतिहासके पढ़ेला आएल चीनी यात्री ह्वेनसाङ्ग् आउ इत्सिङ्ग् के जतरा बिवरणसे ई बिश्वबिद्यालयके बारेमे बिस्तृत जानकारी प्राप्त होवहे । हिँया १०,००० छात्रोके पढ़ेला २,००० शिक्षक हलथन । प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसाङ्ग् ७मा सताब्दीमे हिँया जीवनके महत्त्वपूर्ण एक बरस एगो बिद्यार्थी आउ एगो शिक्षकके रूपमे ब्यतीत करलथ हल । प्रसिद्ध 'बौद्ध सारिपुत्र' के जनम इहेँपर होलहल ।

सम्बन्धित लेख

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सन्दर्भ

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  1. Le 2010, पृ॰ 59.