Wp/mag/गुरु तेग बहादुर
Appearance
| गुरु तेग बहादुर | |
|---|---|
| ਗੁਰੂ ਤੇਗ਼ ਬਹਾਦਰ | |
गुरु तेग बहादुर जी के १७मा शताब्दीके मध्यके चित्र | |
| धरम | सिख धर्म |
| अन्यनाम | हिन्द दी चादर नौमा गुरु नौमा नानक स्रिस्ट-दी-चार ("सृष्टिके चदर" या 'मानवताके रक्षक') |
| व्यक्तिगत विशिष्ठि | |
| जनम | त्याग मल वैशाख कृष्ण पञ्चमी तिथि नै चिन्हल गेल । प्रथम प्राचलमे तिथिके तनी संशोधित करेके प्रयास करथिन । अमृतसर, लाहौर सूबा, मुगल साम्राज्य (वर्तमान पञ्जाब, भारत) |
| निधन | Did not recognize date. Try slightly modifying the date in the first parameter.
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दिल्ली, मुगल साम्राज्य (वर्तमान भारत) |
| जीवनसाथी | माता गुजरी |
| लैकन | गुरु गोबिन्द सिंह |
| पद तैनाती | |
| कार्यकाल | १६६५–१६७५ |
| पूर्वाधिकारी | गुरु हरकृष्ण |
| उत्तराधिकारी | गुरु गोबिन्द सिंह |
श्री गुरु तेग बहादुर जी (वैशाख, कृष्ण पञ्चमी तदनुसार 21 अप्रैल 1621 - 24 नवम्बर 1675) सिख के नौमा गुरु हलथिन । विश्व इतिहास मे धर्म एवं मानवीय मूल्य, आदर्श एवं सिद्धान्त के रक्षा ला प्राण के आहुति देवे वाला मे गुरु तेग बहादुर साहब के स्थान अद्वितीय है । श्री गुरु तेग बहादुर जी विश्व मे प्रभावशील गुरु हथिन ।
| "धरम हेत साका जिनि कीआ सीस दीआ पर सिरड न दीआ।" |
| —एक सिक्ख स्रोत[1] |
ऊ मुगलिया सल्तनत के विरोध कैलथिन । १६७५ मे मुगल शासक औरङ्गजेब उनका इस्लाम स्वीकार करेला कहकै । पर गुरु साहब कहलथिन कि सीस कटा सकऽहथिन, केश न । ई पर औरङ्गजेब सबके सामने उनकर सिर कटवा देलकै । गुरुद्वारा शीश गंज साहिब तथा गुरुद्वारा रकाब गञ्ज साहिब ऊ सब स्थान के स्मरण दियावऽ है जने गुरुजी के हत्या कैल गेलै तथा जने उनकर अन्तिम संस्कार कैल गेलै हल ।
सन्दर्भ
[edit | edit source]- ↑ /* To be filled here*/. Elias and Denison Ross (ed. and trans.). 1898, reprinted 1972. आई॰ऍस॰बी॰एन॰ 0700700218.
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