Wp/mag/बोधिसत्व
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बौद्धधर्ममे बोधिसत्व (संस्कृत: बोधिसत्त्व ; पालि: बोधिसत्त ) सत्त्वला प्रबुद्ध (शिक्षा देल) के कहल जा है । पारम्परिक रूपसे महान् दयासे प्रेरित, बोधिचित्त जनित, सब संवेदनशील प्राणीके लाभला सहज इच्छासे बुद्धत्व प्राप्त करेवालाके बोधिसत्व मानल जा है ।[1] तिब्बती बौद्धधर्मके अनुसार बोधिसत्व मानव द्वारा जीवनमे प्राप्त करे योग्य चार उत्कृष्ठ अवस्थामे से एक है ।[2]
बोधिसत्व शब्दके उपयोग समयके साथे विकसित होलै। प्राचीन भारतीय बौद्धधर्मके अनुसार, उदाहरणला गौतम बुद्धके पूर्व जीवनके विशिष्ट रूपसे प्रदर्शित करेला काममे लेल जा हलै ।[3][4]
सन्दर्भ
[edit | edit source]- ↑ The Bodhisattva Vow: A Practical Guide to Helping Others (बोधिसत्व शपथ: आउओके सहायताला एक व्यवहारिक दिशानिर्देश) (अङ्ग्रेजीमे), पृष्ठ १, थरपा पब्लिकेशन्स (दोसरा संस्करण, १९९५) ISBN 978-0-948006-50-0
- ↑ P. 313 Brilliant Moon: The Autobiography of Dilgo Khyentse by Dilgo Khyentse
- ↑ कुमारस्वामी, आनन्द (१९७५). Buddha and the Gospel of Buddhism. बॉस्टन: यूनिवर्सिटी बुक्स. प॰ २२५. LCCN 64056434.
...the term Bodhisatta, or Wisdom-being, first used of Gautama between the Going-forth and the attainment of Nibbāna, came to mean a Buddha-designate....
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूलसे 7 मार्च 2015 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जनवरी 2015.