Jump to content

Wp/mag/मेरे भारत के कण्ठ हार

From Wikimedia Incubator
< Wp‎ | mag
Wp > mag > मेरे भारत के कण्ठ हार
मेरे भारत के कण्ठ हार

बिहारके प्रतीक
राज्ज जेकर राष्ट्रगान हे बिहार
बोल सत्यनारायण
सङ्गीत हरि प्रसाद चौरसिया आउ शिवकुमार शर्मा
घोषित २०१२

मेरे भारत के कण्ठ हार (अनु. हमर भारतके कण्ठहार) भारतीय राज्ज बिहारके राज्जगीत हे । गीत सत्यनारायण द्वारा लिखल गेल हल आउ सङ्गीत हरि प्रसाद चौरसिया आउ शिवकुमार शर्मा द्वारा रचित हल । गीतके आधिकारिक तौरपर मार्च २०१२ मे अपनावल गेल हल । [1]

गीत[edit | edit source]

हिन्दी मूल मगही अनुवाद

मेरे भारत के कण्ठहार,
तुझको शत-शत वन्दन बिहार!
मेरे भारत के कण्ठहार,
तुझ को शत-शत वन्दन बिहार!

तू वाल्मीकि की रामायण,
तू वैशाली का लोकतन्त्र!
तू बोधी तत्व की करूणा है,
तू महावीर का शान्तिमन्त्र!

तू नालन्दा का ज्ञानद्वीप,
तू ही अक्षत चन्दन बिहार!
तू है अशोक की धर्म ध्वजा,
तू गुरू गोविन्द की वाणी है!

तू आर्यभट्ट , तू शेर शाह,
तू कुँवर सिंह की बलिदानी है!
तू बापु की है कर्मभूमि,
धरती का नन्दनवन बिहार!

तेरी गौरवगाथा अपूर्व,
तू विश्वशान्ति का अग्रदूत!
लौटेगा हमारा स्वाभिमान,
अब जाग चुके तेरे सपूत!

अब तू माथे का विजय तिलक,
तू आँखों का अंजन बिहार!
तुझको शत-शत वन्दन बिहार,
मेरे भारत के कण्ठहार!


हमर भारतके कण्ठहार,
तोरा शत-शत बन्दन बिहार !
हमर भारतके कण्ठहार,
तोरा शत-शत बन्दन बिहार !

तु बाल्मीकिके रामायण,
तु बैशालीके लोकतन्त्र !
तु बोधीतत्वके करूणा हेँ,
तु महाबीरके शान्तिमन्त्र !

तु नालन्दाके ज्ञानद्वीप,
तुहीँ अक्षत चन्दन बिहार !
तु हे अशोकके धरम झण्डा,
तु गुरूगोविन्दके वाणी हेँ !

तु आर्यभट्ट, तू शेरशाह,
तु कुँवरसिंहके बलिदानी हेँ !
तु बापुके हेँ करमभूमि,
धरतीके नन्दनबन बिहार!

तोर गौरवगाथा अपूर्ब,
तु बिश्वशान्तिके अग्रदूत !
लौटतै हमनीके स्वाभिमान,
अखन जाग गेलन तोर सपूत !

अखनि तु माथाके बिजय तिलक,
तु अँखियाके अञ्जन बिहार !
तोरा शत-शत बन्दन बिहार,
हमर भारतके कण्ठहार !


सन्दर्भ[edit | edit source]

  1. Tribune India. 23 March 2012.

बाहरी कड़ी[edit | edit source]