Wp/mag/राम
श्रीराम (श्रीरामचन्द्र) | |
---|---|
![]() धनुष-बाण धारी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम | |
अन्यनाम | सनातन पुरुष, वैकर्तन (सूर्यके अंश), राघव, श्रीरामचन्द्र, श्रीदशरथसुत, श्रीकौशल्यानन्दन, श्रीसीतावल्लभ, श्रीरघुनन्दन, श्रीरघुवर, श्रीरघुनाथ, काकुत्स्थ, ककुत्स्थकुलनन्दन |
निवासस्थान | अयोध्या,साकेत धाम,वैकुण्ठलोक (परमधाम) |
मन्त्र | ॐ श्री रामचन्द्राय: नमः: ॐ रां रामाय नमः, सर्व शक्तिमते परमात्मने श्री रामाय नमः ॥ |
अस्त्र | धनुष बाण (कोदण्ड धनुष) आउ तलवार |
माता-पिता | |
भाई-बहिन | भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न (सौतेला भाई) आउ शान्ता (अपन बहिन) |
शास्त्र |
वाल्मीकि रामायण रामचरितमानस विष्णु पुराण भागवत् पुराण अध्यात्म रामायण अद्भुत रामायण |
त्यौहार | रामनवमी, दीपावली, दशहरा |
राम वा श्रीराम वा श्रीरामचन्द्रजी, रामायणके अनुसार, महाराजा प्रजापति दशरथ आउ रानी कौशल्याके सबसे बड़का पुत्र, सीताके पति आउ लक्ष्मण, भरत एवं शत्रुघ्नके भ्राता हलन । हनुमान् उनखर परमभक्त हथ । लङ्काके राजा रावणके वध उहे करलन हल । उनखर प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तमके रूपमे हे काहेकि ऊ मर्यादाके पालनला राज्य, मित्र, माता-पिता तकके त्याग करलन ।
ऊ भगवान् विष्णु प्रजापतिके अवतार मानल जाहथ । ऋषि बाल्मीकि रामायणके रचना करलन हल । लेखक गोस्वामी तुलसीदासो उनखर जीवनपर केन्द्रित भक्तिभावपूर्ण सुप्रसिद्ध महाकाव्य रामचरितमानसके रचना करलन हल ।
नाम-व्युत्पत्ति एवं अर्थ
[edit | edit source]रामके नामकरण सन्त वसिष्ठ जन्मके १२मा दिन कैलन ।[1] 'रम्' धातुमे 'घञ्' प्रत्ययके योगसे 'राम' शब्द निष्पन्न होवऽहै ।[2] 'रम्' धातुके अर्थ रमण (निवास, विहार) करेसे सम्बद्ध है । 'विष्णुसहस्रनाम' पर लिखित अपन भाष्यमे आद्य शङ्कराचार्य पद्मपुराणके उदाहरण देइत कहलन हे कि नित्यानन्दस्वरूप भगवान् मे योगीजन रमण करऽ हथिन, एहीसे ऊ 'राम' हथिन ।[3]
साहित्यमे उल्लेख
[edit | edit source]- उपनिषदमे उनकर अवतारी पुरुष/परम पुरुष/सनातन पुरुष/परमात्माके रूपमे वर्णन भेँटऽहै ।
- 'राम' के सर्वप्रथम उल्लेख वाल्मीकि रामायण एवं पुराणमे भेँटऽ है वाल्मीकि रामायणके अनुसार वेदमे प्रभु श्रीरामके परमात्मा/आदिपुरुष /परमपुरुषके रूपमे जानल जा है ।
एकरो देखी
[edit | edit source]सन्दर्भ
[edit | edit source]- ↑ "CANTO XIX.: THE BIRTH OF THE PRINCES". Sacred Texts.
Soon as each babe was twelve days old 'Twas time the naming rite to hold. When Saint Vas'ishtha, rapt with joy, Assigned a name to every boy.
- ↑ संस्कृत-हिन्दी कोश, वामन शिवराम आप्टे ।
- ↑ श्रीविष्णुसहस्रनाम, सानुवाद शांकर भाष्य सहित, गीताप्रेस गोरखपुर, संस्करण-1999, पृष्ठ-143.
- ↑ ऋग्वेदसंहिता (श्रीसायणाचार्यकृत भाष्य एवं भाष्यानुवाद सहित) भाग-5, चौखम्बा कृष्णदास अकादमी, वाराणसी, संस्करण-2013, पृष्ठ-4406.
- ↑ ऋग्वेद पदानां अकारादि वर्णक्रमानुक्रमणिका, सम्पादक- स्वामी विश्वेश्वरानन्द एवं स्वामी नित्यानन्द, निर्णय सागर प्रेस, मुम्बई, संस्करण-1908, पृ०-348.
- ↑ ऋग्वेदसंहिता (श्रीसायणाचार्यकृत भाष्य एवं भाष्यानुवाद सहित) भाग-5, चौखम्बा कृष्णदास अकादमी, वाराणसी, संस्करण-2013, पृष्ठ-3892 ।
- ↑ "Dasaratha Jataka", Wikipedia, 2024-08-06, अभिगमन तिथि 2024-09-28
- ↑ दसरथ जातक के सबसे प्राचीन राम कथा मानल जा है News18