Jump to content

Wp/mag/राम

From Wikimedia Incubator
< Wp | mag
(Redirected from Wp/mag/श्रीराम)
Wp > mag > राम
श्रीराम (श्रीरामचन्द्र)

धनुष-बाण धारी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम
अन्यनाम सनातन पुरुष, वैकर्तन (सूर्यके अंश), राघव, श्रीरामचन्द्र, श्रीदशरथसुत, श्रीकौशल्यानन्दन, श्रीसीतावल्लभ, श्रीरघुनन्दन, श्रीरघुवर, श्रीरघुनाथ, काकुत्स्थ, ककुत्स्थकुलनन्दन
निवासस्थान अयोध्या,साकेत धाम,वैकुण्ठलोक (परमधाम)
मन्त्र ॐ श्री रामचन्द्राय:‌‌ नमः: ॐ रां रामाय नमः, सर्व शक्तिमते परमात्मने श्री रामाय नमः ॥
अस्त्र धनुष बाण (कोदण्ड धनुष) आउ तलवार
माता-पिता
भाई-बहिन भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न (सौतेला भाई) आउ शान्ता (अपन बहिन)
शास्त्र वाल्मीकि रामायण
रामचरितमानस
विष्णु पुराण
भागवत् पुराण
अध्यात्म रामायण
अद्भुत रामायण
त्यौहार रामनवमी, दीपावली, दशहरा

राम वा श्रीराम वा श्रीरामचन्द्रजी, रामायणके अनुसार, महाराजा प्रजापति दशरथ आउ रानी कौशल्याके सबसे बड़का पुत्र, सीताके पति आउ लक्ष्मण, भरत एवं शत्रुघ्नके भ्राता हलन । हनुमान् उनखर परमभक्त हथ । लङ्काके राजा रावणके वध उहे करलन हल । उनखर प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तमके रूपमे हे काहेकि ऊ मर्यादाके पालनला राज्य, मित्र, माता-पिता तकके त्याग करलन ।

भगवान् विष्णु प्रजापतिके अवतार मानल जाहथ । ऋषि बाल्मीकि रामायणके रचना करलन हल । लेखक गोस्वामी तुलसीदासो उनखर जीवनपर केन्द्रित भक्तिभावपूर्ण सुप्रसिद्ध महाकाव्य रामचरितमानसके रचना करलन हल ।

नाम-व्युत्पत्ति एवं अर्थ

[edit | edit source]

रामके नामकरण सन्त वसिष्ठ जन्मके १२मा दिन कैलन ।[1] 'रम्' धातुमे 'घञ्' प्रत्ययके योगसे 'राम' शब्द निष्पन्न होवऽहै ।[2] 'रम्' धातुके अर्थ रमण (निवास, विहार) करेसे सम्बद्ध है । 'विष्णुसहस्रनाम' पर लिखित अपन भाष्यमे आद्य शङ्कराचार्य पद्मपुराणके उदाहरण देइत कहलन हे कि नित्यानन्दस्वरूप भगवान् मे योगीजन रमण करऽ हथिन, एहीसे ऊ 'राम' हथिन ।[3]

साहित्यमे उल्लेख

[edit | edit source]
ऋग्वेद[4]
श्लोक सङ्ख्या १०-३-३ एवं १०-९३-१४।[5]
करिया रङ्ग (रातके अन्धकार) के अर्थमे ।[6]
उपनिषदमे उनकर अवतारी पुरुष/परम पुरुष/सनातन पुरुष/परमात्माके रूपमे वर्णन भेँटऽहै ।
'राम' के सर्वप्रथम उल्लेख वाल्मीकि रामायण एवं पुराणमे भेँटऽ है वाल्मीकि रामायणके अनुसार वेदमे प्रभु श्रीरामके परमात्मा/आदिपुरुष /परमपुरुषके रूपमे जानल जा है ।
दसरथ जातक बौद्ध ग्रन्थमे बुद्धके पूर्व जन्मके काल्पनिक रूप राम-पण्डितके वर्णन है । [7][8]

एकरो देखी

[edit | edit source]

सन्दर्भ

[edit | edit source]
  1. "CANTO XIX.: THE BIRTH OF THE PRINCES". Sacred Texts. Soon as each babe was twelve days old 'Twas time the naming rite to hold. When Saint Vas'ishtha, rapt with joy, Assigned a name to every boy.
  2. संस्कृत-हिन्दी कोश, वामन शिवराम आप्टे ।
  3. श्रीविष्णुसहस्रनाम, सानुवाद शांकर भाष्य सहित, गीताप्रेस गोरखपुर, संस्करण-1999, पृष्ठ-143.
  4. ऋग्वेदसंहिता (श्रीसायणाचार्यकृत भाष्य एवं भाष्यानुवाद सहित) भाग-5, चौखम्बा कृष्णदास अकादमी, वाराणसी, संस्करण-2013, पृष्ठ-4406.
  5. ऋग्वेद पदानां अकारादि वर्णक्रमानुक्रमणिका, सम्पादक- स्वामी विश्वेश्वरानन्द एवं स्वामी नित्यानन्द, निर्णय सागर प्रेस, मुम्बई, संस्करण-1908, पृ०-348.
  6. ऋग्वेदसंहिता (श्रीसायणाचार्यकृत भाष्य एवं भाष्यानुवाद सहित) भाग-5, चौखम्बा कृष्णदास अकादमी, वाराणसी, संस्करण-2013, पृष्ठ-3892 ।
  7. "Dasaratha Jataka", Wikipedia, 2024-08-06, अभिगमन तिथि 2024-09-28
  8. दसरथ जातक के सबसे प्राचीन राम कथा मानल जा है News18