Jump to content

Wp/mag/झाँसी

From Wikimedia Incubator
< Wp | mag
Wp > mag > झाँसी
झाँसी
झाँसी
बलवन्तनगर (बुन्देलखण्डके राजधानी)
नगर
उपनाम: 
बुन्देलखण्डके प्रवेशद्वार एवं राजधानी आउ वीराङ्गना महारानी लक्ष्मीबाई साहेबके कर्मभूमि
झाँसी उत्तरप्रदेशपर अवस्थित
झाँसी
झाँसी
उत्तरप्रदेशे स्थिति
निर्देशाङ्क: 25°26′N 78°34′E / 25.44°N 78.56°E / 25.44; 78.56निर्देशाङ्क: 25°26′N 78°34′E / 25.44°N 78.56°E / 25.44; 78.56
देश भारत
राज्यउत्तरप्रदेश
मण्डलझाँसी मण्डल
सरकार
  महापौरबिहारीलाल आर्य (भाजपा)
उन्नतांश
285 मी (935 फीट)
जनसङ्ख्या
 (2011)
  नगर५,०५,६९३
  महानगर
५,४७,६३८
भाषा
  प्रचलितहिन्दी
समयमण्डलयुटिसि+०५:३० (भारतीय मानक समय)
पिनकोड
284122-2-3-4
दूरभाष कोड0510
वाहन पञ्जीकरणUP-९३
लिङ्गानुपात ०.९०५ : १.०००
साक्षरता दर८३.०%
औसत ग्रीष्मकालीन तापमान48 °से (118 °फा)
औसत शीतकालीन तापमान4.0 °से (39.2 °फा)
जालस्थलwww.jhansi.nic.in

झाँसी (बुन्देली: झाँसी ) भारतके उत्तरप्रदेश राज्यके झाँसी मण्डलमे स्थित एगो नगर हे । ई मण्डलके मुख्यालयो हे । ई नगर भारतभरमे झाँसीके रानीके १८५७ के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता सङ्ग्राममे ऐतिहासिक भूमिकाके कारण प्रसिद्ध हे । नगरसे तीन प्रमुख राजमार्ग गुजरहे - राष्ट्रिय राजमार्ग २७, राष्ट्रिय राजमार्ग ३९ आउ राष्ट्रिय राजमार्ग ४४[1][2]

विवरण

[edit | edit source]

ई नगर उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेशके सीमा पर स्थित हे आउ बुन्देलखण्ड क्षेत्रके अन्तर्गत आवहे । झाँसी एक प्रमुख रेल एवं सड़क केन्द्र हे आउ झाँसी मण्डलके प्रशासनिक केन्द्रो हे । झाँसी नगर पत्थर निर्मित किलाके चारो दन्ने फैलल हे, ई किला नगरके मध्य स्थित बँगरा नामक पहाड़ी पर निर्मित हे । उत्तरप्रदेशमे २०.७ वर्ग कि॰मी॰ के क्षेत्रमे फैलल झाँसी पर प्रारम्भमे चन्देल राजाके नियन्त्रण हलै । ऊ समय एकरा बलवन्तनगरके नामसे जानल जा हलै । झाँसीके महत्व सत्रहमा शताब्दीमे ओरछाके राजाबीर सिंह देवके शासनकालमे बढ़लै । तखनि राजाबीर सिंह आउ उनकर उत्तराधिकारी झाँसीमे अनेक ऐतिहासिक इमारतके निर्माण करवौलकै ।

बुन्देलखण्डके गढ़ मानल जायेवाला झाँसीके इतिहास सङ्घर्षशील हे । १८५७ मे झाँसीके रानी लक्ष्मीबाई अङ्ग्रेजके अधीनता स्वीकार करेके स्थान पर उनकर विरूद्ध सङ्घर्ष कैल उचित समझलन । ऊ अङ्ग्रेजसे वीरतापूर्वक लड़लन आउ अन्तमे वीरगतिके प्राप्त भेलन । झाँसी नगरके घर-घरमे रानी लक्ष्मीबाईके वीरताके खिस्सा सुनावल जा हे । हिन्दी कवियित्री सुभद्रा कुमारी चौहान एकर अपन कविता, झाँसी की रानी, मे वर्णित कैलन हे -

बुन्देलों हरबोलों के मुख हमने सुनी कहानी थी ।

खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी ।।

एकरो देखी

[edit | edit source]

सन्दर्भ

[edit | edit source]
  1. "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
  2. "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance
    Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन ," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975