Wp/mag/झाँसी
| झाँसी झाँसी बलवन्तनगर (बुन्देलखण्डके राजधानी) | |
|---|---|
| नगर | |
| उपनाम: बुन्देलखण्डके प्रवेशद्वार एवं राजधानी आउ वीराङ्गना महारानी लक्ष्मीबाई साहेबके कर्मभूमि | |
| निर्देशाङ्क: 25°26′N 78°34′E / 25.44°N 78.56°Eनिर्देशाङ्क: 25°26′N 78°34′E / 25.44°N 78.56°E | |
| देश | |
| राज्य | उत्तरप्रदेश |
| मण्डल | झाँसी मण्डल |
| सरकार | |
| • महापौर | बिहारीलाल आर्य (भाजपा) |
| उन्नतांश | 285 मी (935 फीट) |
| जनसङ्ख्या (2011) | |
| • नगर | ५,०५,६९३ |
| • महानगर | ५,४७,६३८ |
| भाषा | |
| • प्रचलित | हिन्दी |
| समयमण्डल | युटिसि+०५:३० (भारतीय मानक समय) |
| पिनकोड | 284122-2-3-4 |
| दूरभाष कोड | 0510 |
| वाहन पञ्जीकरण | UP-९३ |
| लिङ्गानुपात | ♂ ०.९०५ : ♀ १.००० |
| साक्षरता दर | ८३.०% |
| औसत ग्रीष्मकालीन तापमान | 48 °से (118 °फा) |
| औसत शीतकालीन तापमान | 4.0 °से (39.2 °फा) |
| जालस्थल | www |
झाँसी (बुन्देली: झाँसी ) भारतके उत्तरप्रदेश राज्यके झाँसी मण्डलमे स्थित एगो नगर हे । ई मण्डलके मुख्यालयो हे । ई नगर भारतभरमे झाँसीके रानीके १८५७ के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता सङ्ग्राममे ऐतिहासिक भूमिकाके कारण प्रसिद्ध हे । नगरसे तीन प्रमुख राजमार्ग गुजरहे - राष्ट्रिय राजमार्ग २७, राष्ट्रिय राजमार्ग ३९ आउ राष्ट्रिय राजमार्ग ४४ ।[1][2]
विवरण
[edit | edit source]ई नगर उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेशके सीमा पर स्थित हे आउ बुन्देलखण्ड क्षेत्रके अन्तर्गत आवहे । झाँसी एक प्रमुख रेल एवं सड़क केन्द्र हे आउ झाँसी मण्डलके प्रशासनिक केन्द्रो हे । झाँसी नगर पत्थर निर्मित किलाके चारो दन्ने फैलल हे, ई किला नगरके मध्य स्थित बँगरा नामक पहाड़ी पर निर्मित हे । उत्तरप्रदेशमे २०.७ वर्ग कि॰मी॰ के क्षेत्रमे फैलल झाँसी पर प्रारम्भमे चन्देल राजाके नियन्त्रण हलै । ऊ समय एकरा बलवन्तनगरके नामसे जानल जा हलै । झाँसीके महत्व सत्रहमा शताब्दीमे ओरछाके राजाबीर सिंह देवके शासनकालमे बढ़लै । तखनि राजाबीर सिंह आउ उनकर उत्तराधिकारी झाँसीमे अनेक ऐतिहासिक इमारतके निर्माण करवौलकै ।
बुन्देलखण्डके गढ़ मानल जायेवाला झाँसीके इतिहास सङ्घर्षशील हे । १८५७ मे झाँसीके रानी लक्ष्मीबाई अङ्ग्रेजके अधीनता स्वीकार करेके स्थान पर उनकर विरूद्ध सङ्घर्ष कैल उचित समझलन । ऊ अङ्ग्रेजसे वीरतापूर्वक लड़लन आउ अन्तमे वीरगतिके प्राप्त भेलन । झाँसी नगरके घर-घरमे रानी लक्ष्मीबाईके वीरताके खिस्सा सुनावल जा हे । हिन्दी कवियित्री सुभद्रा कुमारी चौहान एकर अपन कविता, झाँसी की रानी, मे वर्णित कैलन हे -
बुन्देलों हरबोलों के मुख हमने सुनी कहानी थी ।
खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी ।।
एकरो देखी
[edit | edit source]सन्दर्भ
[edit | edit source]- ↑ "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
- ↑ "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance
Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन ," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975
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