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Wp/mag/ईस्ट इण्डिया कम्पनी

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लन्दन स्थित ईस्ट इण्डिया कम्पनी के मुख्यालय (थॉमस माल्टन द्वारा चित्रित, 1800 ई)

ईस्ट इण्डिया कम्पनी ( ईआईसी ) [lower-alpha 1] एक अंग्रेजी आउ बाद मे ब्रिटिश, संयुक्त स्टॉक कंम्पनी हलै जेकर स्थापना 1600 मे होलै आउ 1874 मे बन्द हो गेलै[3] एकर गठन हिन्द महासागर क्षेत्र मे व्यापार करेला कैल गेलै हल, शुरुआत मे ईस्ट इण्डीज ( भारतीय उपमहाद्वीप आउ दक्षिण पूर्व एशिया ) के साथे, आउ बाद मे पूर्वी एशिया के साथे । कम्पनी भारतीय उपमहाद्वीप के बड़ हिस्सा आउ दक्षिण पूर्व एशिया आउ हांगकांग के उपनिवेशित हिस्सा पर कब्जा कर लेलकै । अपन चरम पर, कम्पनी विभिन्न माप से दुनिया के सबसे बड़ निगम हलै । ई.आई.सी. के पास कम्पनी के तीन प्रेसीडेन्सी सेना के रूप मे अपन सशस्त्र सेना हलै, जेकर कुल संख्या लगभग 260,000 सैनिक हलै, जे ऊ समय ब्रिटिश सेना के आकार से दुगुना हलै ।[4] कम्पनी के संचालन व्यापार के वैश्विक सम्तुलन पर गहरा प्रभाव डालकै, रोमन काल से देखल जाए वाला पश्चिमी सराफा के पूर्व दने निकासी के प्रवृत्ति के लगभग अकेलहीं उलट देलकै ।[5][6]

मूल रूप से "गवर्नर एण्ड कम्पनी ऑफ मर्चेण्ट्स ऑफ लन्दन ट्रेडिंग इनटू द ईस्ट-इण्डीज" के रूप मे चार्टर्ड, [7][8] कम्पनी 1700 के दशक के मध्य आउ 1800 के दशक के शुरुआत मे दुनिया के आधा व्यापार ला जिम्मेदार हो गेलै, [9] विशेष रूप से कपास, रेशम, नील रंग, चीनी, नमक, मसाले, शोरा, चाय और अफीम सहित बुनियादी वस्तु मे । कम्पनी भारत मे ब्रिटिश साम्राज्य के शुरुआतो मे शासन कैलकै ।[9] [10]

कम्पनी अन्ततः भारत के बड़ क्षेत्र पर शासन करे लगलै, सैन्य शक्ति के प्रयोग कैलकै आउ प्रशासनिक कार्य के सम्भारकै । भारत मे कम्पनी के शासन प्रभावी रूप से 1757 मे प्लासी के लड़ाई के बाद शुरू होलै आउ 1858 तक चललै । १८५७ के भारतीय विद्रोह के बाद, भारत सरकार अधिनियम 1858 के तहत ब्रिटिश क्राउन के नया ब्रिटिश राज के रूप मे भारत के प्रत्यक्ष नियन्त्रण प्राप्त होलै ।

लगातार सरकारी हस्तक्षेप के बावजूद, कम्पनी के बाद मे अपन वित्त के साथे बेर-बेर समस्या के सामना करे पड़लै । एकरा एक साल पहिले अधिनियमित ईस्ट इण्डिया स्टॉक डिविडेण्ड रिडेम्पशन एक्ट के शर्त के तहत 1874 मे भंग कर देल गेलै हल, काहेकि तखनी तक भारत सरकार अधिनियम एकरा अवशेष, शक्तिहीन आउ अप्रचलित बना देलकै हल । ब्रिटिश राज के आधिकारिक सरकारी मशीनरी अपन सरकारी कार्य को ग्रहण कर लेलकै हल आउ अपन सेना के समाहित कर लेलकै हल ।

  1. Carey, W. H. (1882). 1882 – The Good Old Days of Honourable John Company. Simla: Argus Press. मूलसे 23 September 2015 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 July 2015.
  2. "Company Bahadur". Encyclopaedia Britannica. मूलसे 9 December 2018 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 December 2018.
  3. "Not many days ago the House of Commons passed". Times. London. 8 April 1873. प॰ 9.
  4. Roos, Dave (2020-10-23). "How the East India Company Became the World's Most Powerful Monopoly". History. अभिगमन तिथि 2022-04-29.
  5. Dalrymple, William (2021) [First published 2019]. The Anarchy: The Relentless Rise of the East India Company. London: Bloomsbury Publishing. प॰ xxxv. आई॰ऍस॰बी॰एन॰ 978-1-5266-3401-6. अभिगमन तिथि 29 May 2022.
  6. Dalrymple, William (30 August 2019). "Lessons for capitalism from the East India Company". Financial Times. मूल से 10 December 2022 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 May 2022.
  7. Scott, William. "East India Company, 1817–1827". archiveshub.jisc.ac.uk. Senate House Library Archives, University of London. मूल से 21 September 2019 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 September 2019.
  8. Template:Wp/mag/Cite wikisource
  9. 9.0 9.1 Farrington, Anthony (2002). Trading Places: The East India Company and Asia 1600–1834. British Library. आई॰ऍस॰बी॰एन॰ 9780712347563. मूल से 27 July 2020 के पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 September 2019.
  10. "Books associated with Trading Places – the East India Company and Asia 1600–1834, an Exhibition". मूल से 30 March 2014 के पुरालेखित.


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