खाम पाङ नेपालला मगर जातीराई यापाङ्ने तोबो पाङ सा। मगरराई पाङ मस्त प्रकारला तार। अलग अलग ठाउँला मगरराई अलग अलग पाङ पाङर। मध्यमाञ्चल नङा मगरराई भिरकोटे पाङ पाङर नोलाई मगर ढुट पाङ पनि हैगार्सी। रोल्पा, रुकुम, जाजरकोट, दैलेख नङा मगरराई खाम पाङ पाङर। मगरर न्हे थरिला तार भने सोमोलो थरिला पाङ पाङर । तोबो १८ पंथी सन छुट्टो१२ पंथी। १२ पंथीराई भिरकोटे मगर पाङ पाङर अथवा ढुट पाङ पाङर कोइ कोइराई काइके पाङ पनि पाङर १८ पंथीराई खाम पाङ पाङर। खाम पाङ पाङ्न्या मगरराई उद्गम शेषखोलाङाइ अटाओ किम्बदन्तील दइसि होकाई ज आओरलाई कतै कतै "शेषी मगर" पनि हैगार्सिऊ थइसी।
नेपाल विभिन्न जात जाती सन भेष पाङए भरिऊ तोबो बहुल संस्कृतिए देश सा। नेपालल लेआे विभिन्न जातीर मध्य मगर समुदाय तोबो प्रमुख जाती सा मगर जाती आदिबासी जनजाती समूहल परि । साथल आआे जाती आदिबासी जनजाती समुहला पारे भन्दा घेआे जन संख्या टाआे जाती पनि सा। अन्य जातीराई यामी पाङ सन भेष भुषा टाआे माल मगरराई यामी पनि यामीज पाङ, भेष तथा परम्परा ले । मगरराई पाङन्या मातृ पाङलाई सोमोलो थरिल विभाजन डोसिऊ ले। खाम पाङ, ढुट पाङ, काइके पाङ मगरलाई अठार मगरात सन बाह्र मगरात जइडे नेमोलो समुहल विभाजन जइसिऊ ले। बाह्र मगरात अन्तर्गतल पाल्पा, तनहुँ तथा स्याङ्जा जिल्लाल पाङसिने मगर पाङलाई मगर ढुट गार्सी भने अठार मगरातल पाङसिने मगर पाङलाई खाम गार्सी होकाई । डोल्पाला ताराकोट आसपासल पाङसिने मगर पाङलाई काइके पाङ हैगार्सी भने रुकुम, रोल्पा सन बाग्लुङङरा मगरराई पाङ्ने मगर पाङलाई खाम पाङ गार्सी । खाम पाङ विशेष जइडे रोल्पाए उत्तर खण्ड, रुकुमए पुर्बी खण्ड सन बागलुङ्गए पश्चीमी भेकल चुसिने बुढा, घर्ति, पुन सन रोका मगरराई यापाङडे पनि आआे क्षेत्रला मगरराईसँग बराइसिडे चुसिने अन्य जातिराई पनि आआे पाङ ज पाङर।आआे खाम पाङलाई पनि भाषाविदराई स्थानीय अनुसारल पर्वते (पश्चिमे सन पूर्बे), गमाले, मताले सन शेशी जइडे पाँच क्षेत्रल खण्डिकरण जइडे नइर । आआे क्षेत्रीय पाङर आपसल बन्दई हादरा मेल माजुने अटाकाई शेशीराई गमालेए अमी गमालेराई पर्बते अमी पर्बतेराई शेशीए पाङ मस्त तोचुप याबुझिदे पनि पार ज बुझिने भने धौ धौ टाए । गमाराई खाम रोल्पाए पुर्बी अ म्हे सन प्युठानए उत्तरी अ म्हे देङा चोसुब्जा नाङखारल पाङसि, भने शेशी खाम रोल्पाए दक्षिण पश्चिम भेकला चोसुब्जा नाङखारल पाङसि "शेषी खाम" हैगार्डे पनि सरिसि । मताले खाम चाँही रोल्पाए उत्तर पश्चिम सन रुकुमए दक्षिण पश्चिमला चोसुब्जा नाङखारल पाङसि । मताले खाम पर्वते खाम सन मस्त मात्राल मिल्दोजुल्दो ले । पर्बते खाम भने आआे अन्य खामए तुलनाल बृहत रूपल रुकुमए पार भेक, रोल्पाए पार उत्तरी भेक सन बाग्लुङए पश्चीमी भेकला मगरराई पाङर । बागलुङ्गला निसी, भुजी नङा पाङसिन्या पुर्बे पर्वते खाम रुकुम रोल्पाल पाङसिन्या पश्चिमे पर्वते खाम भन्दा चोसुब्जा फरक नलेडी पनि मस्त हदसम्म मिल्दो जुल्दो ले। नाङखार सन पो अनुसार खाम पाङराई केइ शब्दराई पनि केइ भिन्नता देइसी जस्तै: पिमालाई तक नाङखारल "ताम"हैगार्सी भने लुगुम तथा अन्य नाङखारल "पिमा" ज हैगार्सी, होनो जइडे जुत्तालाई थबाङल "पनै" हैगार्सी भने लुगुम तथा अन्य नाङखारल "पो:ला" हैगार्सी । ऐइजइडे पाङसिने केइ शब्दरल स्थानिय रूपल केइ मात्राल याज फरक दइसी तर समग्रल तोबो तोबो खाले ज टाए भने पाङन्या लवाज चाँही हरेक नाङखारए अमी छु्ट्टै प्रकारला टाए। जुन छुट्टो नाङखारल पाङसिन्या लवाजसन मामिलि । हरेक नाङखारए यामी ज पाङ्ने लवाज अटाडे पनि पाङल मेल जुने अटाकाई आआे भेकला मगरराई ऐडे होडेङा सहजै बुझिर। संख्यागत हिसाबए पार भन्दा बढी प्रचलित पर्बते खाम पाङसिन्या प्रमुख नाङखार लुगुम, काँक्री, खाबाङ, तक, सेरा, बाच्छीगाउँ, हुकाम, मैकोट, कोल, पदमी, नाखा, राङ्सी, सिमा, महत, धरमशाला, थबाङ, उवा, जेल्बाङ, धानुङ, धाङ्सी, धाबाङ, निसी, भल्कोट आदि सा। आल पनि "पश्चिमे पर्वते" पाङन्या क्षेत्रला नाङखार मध्य विशेष जइडे लुगुम, काँक्री, खाबाङ, तक, सेरा, बाच्छीगाउँ, कोल, थबाङ, जेलबाङ, धानुङ, मिरुल, उवाल पाङसिने खाम पाङल झन्डै पूर्ण रूपल समानता दइसिने अटाकाई ऐडे होडेङ बुझिने कता ज बाधा सन मुस्किल माटाइ होकाइ ज आआे क्षेत्रलाई खाम पाङए केन्द्रबिन्दु मानिकाई पनि कता ज फरक मापरिया।
आल खाम पाङराई केइ शब्दर नइसिऊ लिजे।
मेल बायाँ पट्टी नेपाली पाङराई शब्दर लिजे भने दायाँ तर्फ खाम पाङराई शब्दर नइसिऊ लिजे।
[1]
नेपाली भाषा |
खाम पाङ
|
फलाम |
झङ
|
कटौरी |
खुरी
|
मोटोको गाग्रो |
गम गाग्री
|
ताप्के (तरकारी पकाउने फलामको भाँडो) |
झंखुरी
|
थाल |
टांटी
|
बन्चरो |
रवा
|
बरियो |
नम
|
हँसिया |
राङ्कासी, हंस्या
|
लोटा |
फुरसला
|
नेपाली भाषा |
खाम पाङ
|
अण्डकोष |
झुरी, सेका
|
आँखा |
मिलुङ
|
कान |
ना
|
खुट्टा |
खङ
|
टाउको |
ङै, खपर
|
पुरुष गुप्ताङ्ग (लिङ्ग) |
काल
|
मलद्वार |
किकुङ्
|
स्त्री गुप्ताङ्ग (योनी) |
परे
|
स्तन |
नुन्
|
हात |
कुइ
|
नाक |
ने
|
जिब्रो |
से
|
दाँत |
हा
|
कान |
ना
|
बाल |
चेम्
|
रौं |
मुल्
|
पन्जा |
लप्ता
|
नङ |
सेन्
|
रगत |
जी
|
पेट |
फु
|
जुङ्घा |
मङ्
|
परेला |
मिस्या
|
गुप्तांग वरपरका रौं |
मुसो
|
नेपाली भाषा |
खाम पाङ
|
खाना खानु |
ज्यो जुके
|
आटो |
काङ
|
खुर्सानी |
खोरासन
|
चामल |
छाल
|
जाँड |
छोकरा
|
जौ |
चिका
|
नुन |
साभी, सापी
|
पानी |
री
|
भात |
छाल काङ
|
गहुँ |
पिमा
|
मासु |
स्याकरी
|
रक्सी |
मडो
|
रोटी |
भरे
|
दूध |
हाइनुन्
|
तरकारी |
चिप
|
अचार |
छोप
|
सेलरोटी |
कोकल्याङ
|
पुरी |
खर्स्यु भरे
|
नेपाली भाषा |
खाम पाङ
|
कालो |
मोलो
|
सेतो |
पोरो
|
रातो |
घ्याम
|
पहेंलो |
हलिदेउ
|
हरियो |
पिंङो
|
नेपाली भाषा |
खाम पाङ
|
गाई |
हाई
|
गोरु |
हिङ्
|
जुम्रा |
स्यार
|
भैंसी |
भैंसा
|
बाँदर |
हिउ
|
बाघ |
ला
|
स्याल |
स्याला
|
लंगुर |
पोरो हिउ
|
बिरालो |
मानु
|
कुकुर |
क्हा
|
मुसा |
बिसा
|
भ्यागुतो |
बोकरो
|
माछा |
ङा, गदिरा
|
सर्प |
गुल
|
नेपाली भाषा |
खाम पाङ
|
कहिले |
खर्ग
|
आज |
आछिम
|
भोली |
पराती
|
पर्सी |
मछ्या
|
आउँदो साल |
फरनी
|
परागी साल |
निमनी
|
पोहर साल |
रतानी
|
हिजो |
आजला
|
बिहान |
छकाल्या
|
बेलुका |
ओडेक
|
राती |
रि
|
अहिले |
आर्क
|
नेपाली भाषा |
खाम पाङ
|
काट्ने |
क्याल्ने, पल्ने
|
सुत्ने |
स्याने
|
खन्ने |
घोने
|
घाँस काट्ने |
छी पल्न्या
|
दाउरा काट्ने |
सिङ् पल्न्या
|
दिसा गर्ने |
एने, एङन्या
|
पिसाब गर्ने |
जिसिन्या
|
उता जाने |
होडी बाने
|
कहाँ जाने |
कटाङ बाने
|
टोक्ने |
कैने
|
बोल्ने |
पाङ्ने
|
खाने |
ज्यान्या
|
गाउने |
गाइके
|
छिटो आउने |
चानो हुचुके
|
जाने |
बा, बाने
|
आउने |
हुने
|
थाप्ने |
थाङ्जे
|
नाँच्ने |
स्याने
|
फोर्ने |
पाने
|
यता आउने |
ऐडी हुचुके
|
ल |
हाँ
|
ल्याउ |
रैके, चनान्के
|
हाँस्नु |
सान्या
|
मार्ने |
सैने
|
सुन्ने |
थैने
|
खुवाउने |
सोइन्या
|
यौन सम्पर्क गर्ने |
नैसिने, घुम्सीने
|
बच्चा जन्माउने |
जा दैने
|
सिलाउने |
रुब्ने, घब्ने
|
बस्ने |
चुसिने
|
उठ्ने |
सोने
|
लेख्ने |
सर्ने
|
पढ्ने |
परिने
|
नुहाउने |
जासिने
|
धुने |
सिल्ने
|
पिउने |
ओने
|
हेर्ने |
रङ्ने
|
सुन्ने |
थैने
|
नेपाली भाषा |
खाम पाङ
|
असिना पर्यो |
असै वाके
|
आगो |
मी
|
एक |
टोवो
|
केटा |
धापा
|
केटी |
धामी
|
खोलामा |
खोलाल
|
घर |
जिम
|
घरमा |
जिमल
|
घाँस |
छि
|
चौर |
बाङ
|
ढुंगा |
लुङ, जुर
|
तीन |
सोमलो
|
दाउरा |
सिङ्
|
दुई |
नेवलो
|
पानी पर्यो |
नम वाके
|
बालक |
बुचा
|
बुढो |
सेर
|
बीऊ |
धुर
|
भीर |
हाङ
|
महिला |
मेमा
|
माटो |
गम
|
के हो |
कटाची
|
को आयो |
सा हुई
|
अमिलो |
सिरो
|
तँ |
नङ्
|
तिमी दुई |
जिन्
|
तपाईं |
जे
|
तेरो |
ना, नमी
|
मेरो |
ङा
|
यिनको |
आव
|
हामी |
गे
|
हाम्रो |
गेमी
|
म |
ङा
|
सिङ्गान |
नाप
|
आँशु |
पील्
|
दिसा |
कि
|
जुत्ता |
पोला
|
मोजा |
जुराप
|
थाक्नु |
थलिउ
|
लामो |
ख्यो
|
ठुलो |
घ्यो
|
सानो |
लुजा
|
नदी |
भै
|
काठ |
सिङ्
|
आगो |
मी
|
रुख |
तुङ्
|
निद्रा आउनु |
मिरो हुके
|
पुरुष |
खेपा
|
नाम |
मिन
|
दिदि |
नाना
|
भाउजु |
मारुम
|
नन्द |
कुञ्जा
|
कति |
खादरा
|
छैन |
माले
|
छ |
लिज्या
|
भएन |
माताइ
|
भयो |
ताइ
|
भैसक्यो |
ताडीके
|
सिद्धियो |
खेमडिको
|
खास जइडे खाम पाङ रोल्पा, रुकुम, प्युठान, जाजरकोटला मगरराई बढी जसो पाङर। नङा पोए मिन पनि खाम पाङङाई ज नइसिऊ टाइ। जस्तै:- खाबङ, निबाङ, जेलबाङ, भालुबाङ इत्यादी पोए मीन मगर खाम पाङल चौरलाई बाङ गार्सी उक्त पोराई मिन विभिन्न किसिमला बाङराई मिनटाकाई अपरिऊ अनुभव डोसी। हिन्ताउ ज दैलेख ल पनि कोइ कोइ पोल खाम पाङ पाङनेर चुसिडे लेर। दैलेखला खसपाङ पाङने मगरलाई पुर्बिय जाती गार र कटाने गार्काई मगरर रोल्पा रुकुमङाई जाजरकोट टाडे दैलेख डे यापसिऊ डी। होकाई ज आआेरलाई पुर्बे हैगार र।
भृकुटे मगर पाङए अमी के पत्रिकासहित केइ लिपिगत विकास टाडे ले। तर खाम पाङए अमी कुनै लिपी माले। पहिला लिपी अलेऊ तर बिचल हुडे आआे लिपी लोप टाआे पाङ मगरराई हैगार र। तर रेडियो नेपाल क्षेत्रीय प्रसारण केन्द्र सुर्खेतए प्रसारण जइडे हुयान डोन्या मगर खाम पाङए समाचार सन अन्य कार्यक्रमराई आआे पाङए भाषागत विकास टाडे ले।
खाम पाङ नेपालल पाङसिन्या तोबो प्रमुख पाङ सा।