Template:Wq/ne/आजको कथन/१२, नोभेम्बर
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“ | रहेछ संसार निशा समान,
आएन ज्यूँदै रहँदा नि ज्ञान । आखिर श्रीकृष्ण रहेछ एक, न भक्ति भो, ज्ञान, न भो विवेक |
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“ | रहेछ संसार निशा समान,
आएन ज्यूँदै रहँदा नि ज्ञान । आखिर श्रीकृष्ण रहेछ एक, न भक्ति भो, ज्ञान, न भो विवेक |
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