Wp/raj/फुली बाई
फुली बाई जोधपुर कणे री राम-भगत ही, बस राम-राम करती अर थेपडी थापती. एकर बिरी थेपडीया एक लुगाई चुरा ली . जद फुली बाई न ठा चाल्यो, थो बे बी लुगाई कण गिया अर केयो कि म्हारी थेपडीया पाछी कर . अत्तो सुनता ही बा लुगावडी फुली बाई हु लडबा लागी . जद लोग भेला हुग्या अर फुली बाई हु पुछ्यो क थाने किया ठा के थारी थेपडीया इ कण ह . भगत फुली बाई केयो के म्हारी थेपडीया फोडस्यो जद राम -राम करसी . लोग अचरज माय पड्ग्या . थेपडीया फुटता ही राम-राम करे . सगळा न फुली बाई री भगती रो परचो मलग्यो. आ बात बठे री राणीया कण पूगी, बे फुली बाई रे कण जोधपुर आबा रो संदेसो खिणायो. फुली बाई जोधपुर पधारी, जद राणीया बाणे केयो के म्हाणे ही कि परवचन सुनावो. "गैणो-गाठो तन री सोभा , काया माटी रो हाण्डो. बैठी काई करो ये , राम भजो ओ रांडो " अत्तोक परवचन देर, फुली बाई थो आपका पाछी गी अर थेपडीया थापबा माय रमगी .