Wp/mag/मोहम्मद गोरी
मुइजुद्दीन मुहम्मद गौरी | |||||
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मुहम्मद गौरी | |||||
गौरी साम्राज्य के सुल्तान | |||||
1173–1202 (अपन भाई गियासुद्दीन मुहम्मद के साथे); 1202–1206 (बतौर एकल शासक) | |||||
पूर्ववर्ती | गियासुद्दीन मुहम्मद | ||||
उत्तरवर्ती |
गोर: गियासुद्दीन महमूद (बतौर गौर के अमीर) गजनी: ताजुद्दीन यल्दोज (बतौर गजनी के अमीर) दिल्ली: कुतुबुद्दीन ऐबक (बतौर दिल्ली का सुल्तान) बंगाल: बख्तियार खिलजी (बतौर बंगाल के सुल्तान) मुल्तान: नासिरुद्दीन कुबाचा (बतौर मुल्तान के सुल्तान) | ||||
जन्म |
शिहाबुद्दीन 1149 गोर | ||||
निधन |
15 मार्च 1206 झेलम जिला | ||||
समाधि | |||||
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घराना | गौरी | ||||
पिता | बहालुद्दीन साम प्रथम |
शहाब-उद-दीन मोहम्मद गोरी (Template:Wp/mag/Lang-fa), (1144 – 15 मार्च 1206) १२ मा शताब्दी के अफगान सेनापति हलो जे १२०२ ई. मे गोरी साम्राज्य के शासक बनलै । उन्हें मुइजुद्दीन मुहम्मद गौरी आउ मोहम्मद गोरी के नामो से जानल जा है । सेनापति के क्षमता मे ऊ अपन भाई गियास-उद-दीन गोरी (जे ऊ समय सुल्तान हलै) ला भारतीय उपमहाद्वीप पर गोरी साम्राज्य के बड़ी विस्तार केलकै आउ ओकर पहिल आक्रमण मुल्तान (११७५ ई.) पर हलै । पाटन (गुजरात) के शासक भीम द्वितीय पर मोहम्मद गौरी ११७८ ई. मे आक्रमण केलकै किन्तु मोहम्मद गौरी बुरा तरह पराजित होकै ।
मुहम्मद गौरी आउ पृथ्वीराज चौहान के बीच तराईन के मैदान मे दु युद्ध होलै । ११९१ ई. मे होल तराईन के प्रथम युद्ध मे पृथ्वीराज चौहान के विजय होलै किन्तु अगलहीं वर्ष ११९२ ई. मे पृथ्वीराज चौहान के तराईन के द्वितीय युद्ध मे मुहम्मद गौरी छल से पराजित केलकै आउ अपन साथे गजनी ले गेलै । पर वर्ष १२०६ ई. मे । दन्त कथा के मानियै त यौधा रामलाल खोखर झेलम नदी के किनारे मौत के घाट उतार देलकै हल । पर एकर कोई प्रमाण न है ।