Wp/mag/अलङ्कार
Appearance
आभूषण जे देहके सौन्दर्य बढ़ावेला धारण कैल जाहे । "काव्यशोभा करान धर्मानअलङ्कारान् प्रचक्षते" अर्थात् ऊ कारक जे काव्यके शोभा बढ़ावहे अलङ्कार कहल जाहे । जैसे प्रकार देहके बाहरी भागक सजावे-सँवारेला ब्यूटी पार्लर्, व्यायामशाला, हेयर् कटिङ्ग् सेलून्, प्रसाधन सामग्री, आभूषणके दोकान हे तथा आन्तरिक भागके सजावेला शिक्षणसन्स्था, धार्मिकसन्स्था, महापुरुषके प्रवचन आदि हे, ओहि प्रकार साहित्यके बाहरी रूपके सजावेला शब्दालङ्कार आउ आन्तरिक रूपके सजावेला अर्थालङ्कारके प्रयोग कैल जाहे ।