Wp/mag/जैनधरम
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जैनधरम श्रमण सन्स्कृतिसे निकलल धरम हे । एकर प्रवर्तक हथ २४ तीर्थङ्कर, जौनमे प्रथम तीर्थङ्कर भगवान् ऋषभदेव (आदिनाथ) तथा अन्तिम तीर्थङ्कर भगवान् बर्धमान महावीर हथ । जैनधरमके अत्यन्त प्राचीनता सिद्ध करेवाला अनेक उल्लेख साहित्य आउ बिशेषकर पौराणिक साहित्यमे प्रचुर मात्रामे हे । श्वेताम्बर आउ दिगम्बर जैनधरमके दू सम्प्रदाय हे । समयसार आउ तत्वार्थ सूत्र आदि एकर प्रमुख ग्रन्थ हे । जैनके प्रार्थना - पूजास्थल, जिनालय वा मन्दिर कहलाहे ।[1]
इहो देखी
[edit | edit source]- णमोकार मन्त्र
- प्रवेशद्वार:जैनधर्म
- तमिल् जैन
- जैन मन्दिर
- शलाकापुरुष
- जय जिनेन्द्र
- केवली
- विहरमान तीर्थंकर
- जैनधरममे योग
- गणधर
सन्दर्भ
[edit | edit source]- ↑ "जैन धर्म क्या है?". Hindi webdunia. मूल से 4 अगस्त 2019 के पुरालेखित.