Wp/raj/विनोद स्वामी
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१४ जुलाई, १९७७ नै परलीका गांव में जलम्या विनोद स्वामी राजस्थानी रा चर्चित युवा कवि हैं। हिन्दी कविता संग्रै 'आंगन, देहरी और दीवार' अर टाबरां सारू 'गीत-गुलशन' अर 'वीरों को सलाम' पोथ्यां छपी हैं। चंद्रसिंह बिरकाळी पुरस्कार अर श्री सुगन साहित्य सम्मान मिल चुक्या हैं। पत्रकारिता सूं खास लगाव। पत्र-पत्रिकावां में रचनावां छपती रैवै। आपरी रचनावां रा हिन्दी, अंग्रेजी अर पंजाबी अनुवाद भी हुया है। साहित्य अकादेमी-नई दिल्ली री स्वर्ण जयंती पर भोपाल रै भारत-भवन मांय भी आप काव्य-पाठ कर'र राजस्थानी कविता रो मान बधायो। राजस्थानी भाषा मान्यता आंदोलन सारू आखै राजस्थान री जातरा करी।