Wp/raj/राजस्थान
राजस्थान उत्तर पश्चिमी भारत मांय स्थित भारत रो ऐतिहासिक अर सांस्कृतिक दीठ सूं समृद्ध राज्य है। राज्य आपणी अनूठी संस्कृति, विरासत, महलां, किलां अर रेगिस्तानी खेतरां रै वास्तै प्रसिद्ध है। राजस्थान रो सबसूं बड़ो शहर जिणनै 'गुलाबी नगरी' भी कैयो जावै है, अठै रो एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। इणरै अलावा उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर अर अजमेर जैड़ा शहर भी प्रदेश रा प्रमुख सांस्कृतिक अर ऐतिहासिक केन्द्र है। राजस्थान रो थार रेगिस्तान, जको रेत रै विशाल समंदर दांई दीखै है, अठै री अनूठी भौगोलिक विसेसता है। राजस्थान री संस्कृति माथै राजपूतां रो घणौ प्रभाव पड़्यो है, अर अठै रा लोक-संगीत, नृत्य, कला-शिल्प री आपरी न्यारी ओळखाण है। गंगा, यमुना अर ताप्ती जैड़ी नदियां रै आसै-पासै बस्योड़ो इण राज्य रै मांय कई ऐतिहासिक मंदिर अर तीर्थ स्थल भी है। अठै रा हस्तशिल्प ब्लॉक प्रिंट, हाथ सूं बण्योड़ी साड़ी अर जूता घणा चावा है। प्रदेश मांय केई भांत रा मेळा अर उत्सव रो आयोजन होवै है, जिण मांय सूं पुष्कर मेळा अर रेगिस्तान महोत्सव खासतौर सूं प्रसिद्ध है। राजस्थान रो स्वादिष्ट भोजन जिण मांय दाल-बाफला, गट्टे री सब्जी अर घेवर अर मावा कचौरी जैड़ी मिठाईयां शामिल है, स्थानीय संस्कृति रो महताऊ हिस्सो है।
खेतरफळ री दीठ सूं राजस्थान भारत गणराज्य रो सबसूं बड़ो राज्य है। पैली बार सन् 1800 ई. मांय जॉर्ज थॉमस इण प्रांत रो नांव राजपूताना राख्यो। प्रसिद्ध इतिहासकार जेम्स टोड आपरी “एनाल्स एंड एंटीक्विटीज़ ऑफ राजस्थान” मांय इण राज्य रो नांव रैठां या राजस्थान राख्यो है। राज्य री पाकिस्तान सूं 1070 किलोमीटर री अंतर्राष्ट्रीय सीमा है जिणनै रेडक्लिफ लाइन कैवै है अर 4850 किलोमीटर री अंतरराज्यीय सीमा है जिकी देस रै पांच दूजा राज्यां सूं भी जुड़ी है। इणरी सीमा दक्खण-पश्चिम मांय गुजरात, दक्षिण-पूर्व मांय मध्यप्रदेश, उत्तर मांय पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व मांय उत्तर प्रदेश अर हरियाणा है। राज्य रो क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर (132140 वर्ग मील) है। राजस्थान री साक्षरता दर 2011 री जनगणना मुजब 66.1% है। राज्य रौ पाटनगर जयपुर है।
इतिहास
[edit | edit source]राजस्थान रो इतिहास घणो समृद्ध अर विविधता सूं भरपूर है। राजस्थान रो एतिहासिक महत्व प्राचीन काल सूं लेर आधुनिक काल तांई घणो महताऊ रैयो है। अठै रा किला, महल, जुद्ध अर जुद्धां भारतीय इतिहास नै एक नुंवी दिसा दी है। राजस्थान री एतिहासिक माटी माथै राजपूतां रो राज हो, जिका साहस, शौर्य, अर वीरता री प्रतिमूर्ति रै रूप मांय आपरी छवि बणाई।
राजस्थान रो इतिहास भी महाभारत काल सूं जुड़ियोड़ो है। इण राज्य नै प्राचीन काल मांय 'महाराष्ट्र' यानी 'मरूस्थल राज्य' रै नांव सूं जाणीजतो हो। महाजनपदां रै बगत ओ इलाको मालवा, शाक्य अर गुर्जर राज्यां रै अधीन हो। उल्लेखजोग कै कश्मीर रा राजा कल्हान आपरी काव्य रचना ‘राजातरंगिनी’ मांय राजस्थान री केई प्राचीन घटनावां रो जिकर करियो है। इणरै बाद राजस्थान भी मौर्य साम्राज्य रो हिस्सो हो, अर अठै बौद्ध धर्म रो प्रभाव भी पड़्यो।
राजस्थान रै मध्यकालीन इतिहास मांय राजपूतां रो खास स्थान है। चौहान, सोलंकी, मेवाड़ अर मारवाड़ जैड़ा प्रमुख राजपूत कुल इण क्षेत्र माथै राज करता हा। राजस्थान रै इतिहास मांय पृथ्वीराज चौहान रो नांव खासतौर सूं लियौ जावै है, जिणांरी वीरता अर उणरी लड़ाइयां इण छेत्र नै ऐतिहासिक रूप सूं महताऊ बणायो। इण रै पछै अकबर रै साम्राज्य रै बगत राजस्थान रा राजपूत मुगलां सूं अनौपचारिक संधि रै तहत संबंध बणाया, पण केई जगां माथै राजपूत भी आजादी सारू लड़ता रैया। राजस्थान मांय जुद्धां रो भी जबरदस्त इतिहास है, जिण मांय पानीपत रो जुद्ध, हल्दीघाटी रो जुद्ध अर सांभर झील रै कनै हुई जुद्ध रो प्रमुखता सूं जिकर कर्यो जा सकै है। हल्दीघाटी रो जुद्ध खासतौर सूं महाराणा प्रताप अर अकबर रै बिचाळै लड़्यो गयो हो, जिण मांय महाराणा प्रताप वीरता रो अनूठो मिसाल पेस करियो। उणां रै संघर्ष मांय राजपूतां री हिम्मत अर आपरी आजादी री रक्षा री प्रतिबद्धता झलकती ही। राजस्थान रो इतिहास न केवल भारतीय स्तर माथै बल्कि वैश्विक स्तर माथै भी महताऊ मानीजै है।
एकीकरण
[edit | edit source]राजस्थान रो एकीकरण भारतीय स्वतंत्रता संग्राम रै पछै एक महताऊ राजनैतिक घटना ही, जिणनै भारतीय संघ रै निर्माण मांय प्रमुख भूमिका निभाई। सन् 1947 मांय भारत री आजादी रै बाद ब्रिटिश साम्राज्य भारतीय उपमहाद्वीप नै दो देसां मांय बांट दियो- भारत अर पाकिस्तान। कई रियासतां स्वतंत्र रूप सूं राज कर री ही, अर बां मांय सूं केई पाकिस्तान रै साथै जुड़बा नै त्यार हा, तो केई आजादी रै पक्ख मांय हा। राजस्थान री रियासतां रो एकीकरण एक जटिल अर चुनौती भरो काम हो।
'सैम, दाम, डांड, भेद' री नीति माथै चालता थकां सरदार पटेल रियासतां रै शासकां नै भारत रै साथै विलय करण री प्रेरणा दी। पटेल रै नेतृत्व मांय रियासतां नै भारतीय संघ मांय विलय करण री प्रक्रिया तेजी सूं पूरी हुई, जिणमांय राजस्थान रा शासकां रो भी उल्लेखजोग योगदान रैयो। उण रियासतां नै भारतीय संघ मांय शामिल होवण सारू राजी करियो, जिणसूं भारत एक मजबूत अर एकजुट राष्ट्र बण सकै। राजस्थान रै शासकां सूं वार्ता रै दौरान पटेल बांनै भरोसो दिरायो कै वांरी सांस्कृतिक अस्मिता अर स्वायत्तता रो सम्मान कर्यो जावैला।
राजस्थान रै एकीकरण री प्रक्रिया मांय सबसूं पैली 15 अगस्त 1947 नै भारत री आजादी रै बगत राजस्थान री लगैटगै 22 छोटी-बड़ी रियासतां भारतीय संघ मांय सामिल हुई। इणरै बाद 1949 मांय राजस्थान राज्य रो गठन 'राजस्थान संघ' नाम सूं हुयो। राजस्थान री रियासतां रै विलय रै पछै भारतीय संविधान अर कानून रै तहत वांरी प्रशासनिक अर राजनैतिक संरचनावां रो पुनर्गठन हुयो। 10 मार्च, 1949 नै बीकानेर रा महाराजा गंगासिंह आपणै प्रदेश रै भारत रै साथै विलय री संधि माथै हस्ताक्षर करता थका राजस्थान रो एकीकरण पूरी तरह सूं पूरो हुयो।
राजस्थान रै एकीकरण मांय राजपरिवारां अर वांरा राजावां रो भी मोटो योगदान रैयो। जियां कै जयपुर रा महाराजा सवाई मान सिंह भारत सरकार रै साथै एकीकरण प्रक्रिया मांय भाग लीनो अर राज्य री सम्पति भारत नै सौंपी। इणरै अलावा मेवाड़ रा महाराणा भोपाल सिंह अर जोधपुर रा महाराजा उम्मेद सिंह भी भारत रै साथै विलय स्वीकार कर लियो। ये शासक भारत री आजादी रै पछै राज्य रै विकास अर पुनर्निर्माण मांय काम करण सारू राजी हुया। राजस्थान रै एकीकरण रै बाद इण प्रदेस मांय प्रशासकीय सुधार किये गये, अर पुराणो रियासत शासन खत्म कर दियो गयो।
राजस्थान रै एकीकरण रै बाद ओ राज्य भारतीय संघ रो हिस्सो बणग्यो अर इणरै प्रशासनिक, सांस्कृतिक अर सामाजिक संरचनावां मांय खासो बदळाव हुया।
शासन व्यवस्था
[edit | edit source]राजस्थान री प्रशासनिक व्यवस्था भारतीय संघ रै अधीन एक राज्य सरकार चलावै है। राजस्थान री सरकारी संरचना भारतीय संविधान रै तहत स्थापित है अर अठै री व्यवस्था तीन प्रमुख अंगां- कार्यपालिका, न्यायपालिका अर विधायिका माथै आधारित है।
कार्यपालिका
[edit | edit source]राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल की राज्य कार्यकारिणी मांय प्रमुख भूमिका है। राज्यपाल राष्ट्रपति रो प्रतिनिधि अर राज्य कार्यकारिणी रो प्रमुख होवै है। मुख्यमंत्री राज्य सरकार रो प्रमुख होवै है अर राज्य रै प्रशासन, नीति निर्माण अर दूजा कामां री देखरेख करै है। मुख्यमंत्री राज्य मंत्रिमंडल रो मुखिया है अर विधायी मामलां, बजट रो फैसलो करै है अर कानून पास करै है।
विधायिका
[edit | edit source]राजस्थान का विधायिका दो कक्षों मांय बंटी हुई है- विधान सभा और विधान परिषद। राजस्थान विधान सभा 200 सदस्यों री एक संवैधानिक निकाय है, जो पांच सालां रे कार्यकाल रे वास्ते चुणी जावे है। विधानसभा रा काम राज्य कानून बणाणो, सरकार री कार्रवाई री निगरानी करणो अर राज्य बजट री मंजूरी देणो है। विधायिका रो मुख्य उद्देश्य राज्य री जनता रै हितां नै ध्यान मांय राखता थका कानून बणाणो अर कार्यपालिका री कार्रवाई नै नियंत्रित करणो है। विधानसभा रा सदस्य सार्वभौमिक मताधिकार सूं चुण्या जावै है।
न्यायपालिका
[edit | edit source]राजस्थान की न्यायपालिका स्वतंत्र है और राज्य के संविधान द्वारा सशक्त है। राज्य रै मांय उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय अर दूजा न्यायालय है जो न्यायिक कार्य करै है। न्यायिक व्यवस्था केंद्र सरकार रै द्वारा लागू की गई प्रक्रियावां रै अनुसार संचालित होवै है अर संविधान रै तहत उणनै दी गई शक्तियों रो प्रयोग करै है।
भासा
[edit | edit source]राजस्थानी भासा भारत री महताऊ अर समृद्ध भासा है, जकी मुख्य रूप सूं राजस्थान राज्य मांय बोली जावै। आ भासा हिन्द-आर्य भासा परिवार रो हिस्सो है अर इण मांय मेवाड़ी, मारवाड़ी, ढूंढरी, अर शेखावाटी जैड़ी विविध बोलियां आवै। राजस्थानी साहित्य भी घणो जूणो अर समृद्ध है, जिण मांय कविता, कथा-साहित्य, अर लोकगीतां रो मोटो भंडार है। भलांई भारतीय संविधान मांय राजस्थानी नै अजै तांई स्वतंत्र भासा रै रूप मांय मान्यता नीं मिली है पण राजस्थान री सांस्कृतिक अर भासाई धरोहर नै संभाळण सारू केई बरसां सूं आंदोलन चाल रैया है अर 2024-25 मांय इणनै राजभासा घोषित करण सारू राज्य सरकार पैली बार एक समिति रो गठन ई कर दियो। राजस्थानी भासा रो प्रयोग ग्रामीण छेत्रां मांय ही नीं शहरी छेत्रां मांय भी हो रियो है, अर इण मांय राजस्थान री अस्मिता अर संस्कृति रो झलक मिलै है।
राजस्थान राज्य रा जिल्ला
[edit | edit source]राजस्थान राज्य मांय कुळ ૩૩ जिल्ला [1] आयोड़ा छै.