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Wp/mag/रामचरितमानस

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Wp/mag/रामचरितमानस

श्रीरामचरितमानसके आवरण
जानकारी
धर्म हिन्दुधर्म
लेखक गोस्वामी तुलसीदास
भाषा अवधी
तुलसी बाबा

श्रीरामचरितमानस अवधीभाषामे गोस्वामी तुलसीदास द्वारा १६मा शताब्दीमे रचित एक महाकाव्य है । श्रीरामचरितमानस भारतीय संस्कृतिमे एक विशेष जगह रखऽ है । उत्तरभारतमे रामायणके रूपमे ढेर लोग द्वारा रोज पढ़ल जा है । श्रीरामचरितमानसमे ई ग्रन्थके नायकके एक महाशक्तिके रूपमे देखावल गेलै हे जबकि महर्षि वाल्मीकि कृत रामायणमे श्रीरामके एक मानवके रूपमे देखावल गेलै हे । तुलसीके प्रभु राम सर्वशक्तिमान आउ मर्यादा पुरुषोत्तम हथिन । शरद नवरातनमे एकर सुन्दर काण्डके पाठ पूरा नौ दिन कैल जा है । रामायण मण्डल सब द्वारा मङ्गर आउ सनिच्चरके एकर सुन्दरकाण्डके पाठ कैल जाहै ।[1][2]

श्रीरामचरितमानसके नायक श्रीराम हथिन जिनका एक मर्यादा पुरोषोत्तमके रूपमे दर्शावल गेलै हे जेकि मान्यताके अनुसार अखिल ब्रह्माण्डके स्वामी हरि नारायण भगवान् के अवतार हथिन जबकि महर्षि वाल्मीकि कृत रामायणमे श्रीरामके एक आदर्श चरित्र मानवके रूपमे देखावल गेलै हे । जे सम्पूर्ण मानव समाजके ई सिखावऽहै कि जीवनके कौम प्रकार जियल जाय भलहीँ ओकरामे केत्तो विघ्न होबे । प्रभु श्रीराम सर्वशक्तिमान होइतहुँ मर्यादा पुरुषोत्तम हथिन । गोस्वामी जी रामचरितके अनुपम शैलीमे दोहा, चौपाई, सोरठ एवं छन्द सबके आश्रय लेके वर्णन कैलन हे ।[3][4][5][6]

श्रीरामचरितमानसके रचनामे २ वर्ष ७ माह २६ दिनके समय लगलै हल आउ ऊ एकरा संवत् १६३३ (१५७६ ईस्वी) के मार्गशीर्ष शुक्लपक्षमे राम विवाहके दिन पूरा कैलन हल ।

परिचय

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श्रीरामचरितमानस १५मा शताब्दीके कवि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित महाकाव्य है । जैसन कि स्वयं गोस्वामी जी श्रीरामचरितमानसके बालकाण्डमे लिखलन हे कि ऊ श्रीरामचरितमानसके रचनाके आरम्भ अयोध्यामे विक्रम संवत १६३१ (१५७४ ईस्वी) के रामनवमीके दिन (मङ्गलवार) कैलन हल । गीताप्रेस गोरखपुरके सम्पादक हनुमान प्रसाद पोद्दारके अनुसार श्रीरामचरितमानसके लिखेमे गोस्वामी तुलसीदासजी के २ वर्ष ७ माह २६ दिनके समय लगलै हल आउ ऊ एकरा संवत् १६३३ (१५७६ ईस्वी) के मार्गशीर्ष शुक्लपक्षमे राम विवाहके दिन पूरा कैलन हल । ई महाकाव्यके भाषा अवधी है ।[5][6]

श्रीरामचरितमानसमे गोस्वामी जी रामचन्द्रके निर्मल एवं विशद चरित्रके वर्णन कैलन हे । महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत रामायणके श्रीरामचरितमानसके आधार मानल जा है । यद्यपि रामायण आउ श्रीरामचरितमानस दुनोमे रामके चरित्रके वर्णन है किन्तु दुनो महाकाव्यके रचे वाला कविके वर्णन शैलीमे उल्लेखनीय अन्तर है । जन्ने वाल्मीकि रामायणमे रामके केवल एक सांसारिक व्यक्तिके रूपमे दर्शावल है ओहैं गोस्वामी जी श्रीरामचरितमानसमे रामके भगवान् विष्णुके अवतार मानलन हे ।[7][8]

श्रीरामचरितमानसके गोस्वामी जी सात काण्डमे विभक्त कैलन हे । ई सात काण्डके नाम है - बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, लङ्काकाण्ड (युद्धकाण्ड) आउ उत्तरकाण्ड । छन्दके सङ्ख्याके अनुसार बालकाण्ड आउ किष्किन्धाकाण्ड क्रमशः सबसे बड़ आउ छोट काण्ड है । तुलसीदास जी रामचरितमानसमे अवधीके अलङ्कारके बड़ी सुन्दर प्रयोग कैलन हे विशेषकर अनुप्रास अलङ्कारके । श्रीरामचरितमानसमे प्रत्येक हिन्दुके अनन्य आस्था है आउ एकरा हिन्दुके पवित्र ग्रन्थ मानल जाहै ।[9][10][11]

इहो देखी

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सन्दर्भ

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  1. K.B. Jindal (1955), A history of Hindi literature, Kitab Mahal, ... The book is popularly known as the Ramayana, but the poet himself called it the Ramcharitmanas or the 'Lake of the Deeds of Rama' ... the seven cantos of the book are like the seven steps to the lake ...
  2. Lutgendorf 1991, p. 1.
  3. Grierson, George Abraham. Linguistic Survey Of India, Volume 6. प॰ 12.
  4. Subramanian 2008, पन्ना 19
  5. 1 2 McLean 1998, पन्ना 121
  6. 1 2 Puri & Das 2003, पन्ना 230
  7. Lele 1981, पन्ना 75
  8. Lorenzen 1995, पन्ना 160
  9. Lutgendorf 2006, पन्ना 92
  10. Sadarangani 2004, पन्ना 78
  11. Kumar 2001, पन्ना 161