Wp/mag/पतञ्जलि योगसूत्र
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कालक्रम |
योगसूत्र योग दर्शनके मूल ग्रन्थ है । ई छौ दर्शनमे से एक शास्त्र है आउ योगशास्त्रके एक ग्रन्थ है । योगसूत्रके रचना ३००० बरिसके पहले पतञ्जलि कैलन । एकराला पहिलेसे ई विषयमे विद्यमान सामग्रियोके एकरामे प्रयोग कैलन ।[1] योगसूत्रमे चित्तके एकाग्र करके ईश्वरमे लीन करेके विधान है । पतञ्जलिके अनुसार चित्तके वृत्तिके चञ्चल होवेसे रोकले (चित्तवृत्तिनिरोधः) योग है । अर्थात् मनके एन्ने-ओन्ने भटके न देल, केवल एके वस्तुमे स्थिर रखेले योग है ।
योगसूत्र मध्यकालमे सर्वाधिक अनूदित कैल गेल प्राचीन भारतीय ग्रन्थ है, जेकर लगभग ४० भारतीय भाषा एवं दु विदेशी भाषा (प्राचीन जावाभाषा एवं अरबीमे अनुवाद होलै ।[2] ई ग्रन्थ १२मा से १९मा शताब्दी तक मुख्यधारा से लुप्तप्राय हो गेलै हल किन्तु १९मा-२०मा-२१मा शताब्दीमे पुनः प्रचलनमे आ गेलै हे ।[3]
इहो देखी
[edit | edit source]सन्दर्भ
[edit | edit source]- ↑ Wujastyk 2011
Archived 2017-09-30 at the वेबैक मशीन , p. 33. - ↑ White 2014
Archived 2017-09-30 at the वेबैक मशीन , p. xvi. - ↑ White 2014
Archived 2017-09-30 at the वेबैक मशीन , p. xvi-xvii, 20-23.