Wp/mag/इलेक्ट्रोन
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सङ्घटन | मूलभूत कण |
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साङ्ख्यिकी | फर्मीय |
पीढ़ी | प्रथम |
अन्योन्य क्रिया | गुरुत्वाकर्षण, विद्युतचुम्बकीय, दुर्बल |
प्रतिक | e⁻ , β⁻ |
प्रतिकण | पोजीट्रोन (प्रति-विद्युदणु, के रूपोमे जानल जाहे) |
आविष्कार | जे जे थोम्सन (१८९७) |
द्रव्यमान | 9.109 × 10−31 कि. ग्रा. (kg) |
विद्युत आवेश | 1.6 × 10−19 कुलम्ब (C) |
चुम्बकीय आघुर्ण | −1.00115965218076(27) μB |
प्रचक्रण | 1⁄2 |

विद्युदणु वा इलेक्ट्रोन (प्राचीन यूनानीभाषा: ἤλεκτρον) ऋणात्मक वैद्युत आवेश युक्त मूलभूत उपपरमाणविक कण हे ।[1] ई परमाणुमे नाभिकके चारोदन्ने चक्कर लगावहे । एकर द्रव्यमान सबसे छोट परमाणुओ (हाइड्रोजन) से हजारगुना कम होवहे । परम्परागत रूपसे एकर आवेशके ऋणात्मक मानल जाहे आउ इसका मान -१ परमाणु इकाई (e) निर्धारित कैल गेलहे । एकरा पर -1.6E-19 कूलम्ब परिमाणके ऋण आवेश होवहे । एकर द्रव्यमान 9.11E−31 किग्रा होवहे जे प्रोटोनके द्रव्यमानके लगभग १८३७मा भागहे । कौनो उदासीन परमाणुमे विद्युदणुके सङ्ख्या आउ प्रोटानके सङ्ख्या समान होवहे । इनखर आन्तरिक संरचना ज्ञात न हे एहीसे एकरा प्रायः मूलभूत कण मानल जाहे । इनखर आन्तरिक प्रचक्रण १/२ होवहे, अतः ई फर्मीय होवहे । इलेक्ट्रोनके प्रतिकण पोजीट्रोन कहलाहे । द्रव्यमानके अतिरिक्त पोजीट्रोनके सब गुण यथा आवेश इत्यादि इलेक्ट्रोनके एकदम विपरीत होवहे । जखनि इलेक्ट्रोन आउ पोजीट्रोन टक्करा हे त दुनो पूर्णतः नष्ट हो जाहे एवं दु फोटोन उत्पन्न होवहे ।
सन्दर्भ
[edit | edit source]- ↑ "The quantum theory of the electron". Proceedings of the Royal Society of London. Series A, Containing Papers of a Mathematical and Physical Character. 117 (778): 610–624. 1997. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0950-1207. डीओआइ:10.1098/rspa.1928.0023.