Wp/anp/अनसूया साराभाई
अनसूया साराभाई (१८८५ - १९७२) भारत में स्त्री श्रम आन्दोलन केरऽ अग्रदूत छेलै । हुनी १९२० ई. [1] में अहमदाबाद में मजदूर महाजन संघ केरऽ स्थापना करलकै जे भारत केरऽ टेक्सटाइल श्रमिकऽ के सबसें पुरानऽ संघ छेकै ।[2]
प्रारंभिक जीवन आरो शिक्षा
अनसूया साराभाई का जन्म ११ नवम्बर १८८५ को अहमदाबाद में साराभाई परिवार में हुआ था, जो कि एक उद्योगपति और व्यापारिक लोगों के एक धनी परिवार में से था । जब वह नौ साल की उम्र की थीं, तभी उनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई थी । इसलिए उनको और उनके छोटे भाई अंबलाल साराभाई और एक छोटी बहन को चाचा के साथ रहने के लिए भेजा गया।[3]उनकी शादी १३ साल [4]की उम्र में ही हो गई थी । उनका वैवाहिक जीवन अल्पकालिक और दुःखद था । अपने भाई की सहायता से, वह १९१२ई. में एक मेडिकल डिग्री लेने के लिए इंग्लैंड गईं । लेकिन जब उन्हें एहसास हुआ कि एक मेडिकल डिग्री प्राप्त करने के क्रम में उन्हें पशु विच्छेदन जैसे क्रिया-कलापों से गुजरना पड़ेगा जो उनके जैन विश्वासों के भी विपरीत थीं, तो उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में प्रवेश ले लिया । इंग्लैंड प्रवास के दौरान वह फेबियन सोसाइटी से प्रभावित हुईं और वे सहृगेट आंदोलन में शामिल हो गईं थीं ।
राजनीतिक जीवन
वे १९१३ ई. में भारत लौटीं और महिलाओं और गरीबों की भलाई के लिए काम करना शुरू कर दिया। उन्नेहोंने एक स्कूल भी खोला । उन्होंने 36 घंटे की पारी के बाद घर लौटने वाले महिला मिल कामगारों की दयनीय स्थिति देखने के बाद श्रम आंदोलन में शामिल होने का फैसला किया। उन्होंने अहमदाबाद में १९१४ ई. की हड़ताल में कपड़ा कामगारों को संगठित करने में मदद की। वे १९१८ ई. में एक महीने की लंबी हड़ताल में भी शामिल थीं, जहां बुनकर मजदूरी में ५० प्रतिशत की बढ़ोतरी मांग रहे थे और २० प्रतिशत की पेशकश की जा रही थी। परिवार के एक दोस्त के रूप में गांधीजी, तब तक साराभाई के गुरु के रूप में अभिनय कर रहे थे। गांधी जी ने श्रमिकों की ओर से भूख हड़ताल शुरू की और श्रमिकों ने अंततः 35 प्रतिशत वृद्धि हासिल की। इसके बाद, १९२०ई. में, अहमदाबाद टेक्सटाइल श्रम संघ (मगर महाजन संघ) का गठन किया गया।
विरासत आरो मृत्यु
साराभाई को मोटाबेन ("बड़ी बहन" के लिए गुजराती शब्द )कहकर भी पुकारा जाता था । उन्होंने भारतीय स्वयं-रोजगार महिला संगठन के संस्थापक एला भट्ट के परामर्शदाता की भूमिका मे भी रहीं । साराभाई का निधन १९७२ ई. [5]में हुआ । ११ नवंबर २०१७ को गूगल ने भारतीयों के लिए दृश्यमान गूगल-डूडल के साथ साराभाई का १३२ वां जन्मदिन मनाया ।
एकरहौ देखौ
बाहरी कड़ी
सन्दर्भ
- ↑ Template:Wp/anp/Cite web
- ↑ "गूगल डूगल में आज अनसूया साराभाई, जानें कौन थीं". navbharattimes.indiatimes.com. Retrieved 11 नवम्बर 2017. Check date values in:
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